तीखी कलम से

मेरे बारे में

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जी हाँ मैं आयुध निर्माणी कानपुर रक्षा मंत्रालय में तकनीकी सेवार्थ कार्यरत हूँ| मूल रूप से मैं ग्राम पैकोलिया थाना, जनपद बस्ती उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ| मेरी पूजनीया माता जी श्रीमती शारदा त्रिपाठी और पूजनीय पिता जी श्री वेद मणि त्रिपाठी सरकारी प्रतिष्ठान में कार्यरत हैं| उनका पूर्ण स्नेह व आशीर्वाद मुझे प्राप्त है|मेरे परिवार में साहित्य सृजन का कार्य पीढ़ियों से होता आ रहा है| बाबा जी स्वर्गीय श्री रामदास त्रिपाठी छंद, दोहा, कवित्त के श्रेष्ठ रचनाकार रहे हैं| ९० वर्ष की अवस्था में भी उन्होंने कई परिष्कृत रचनाएँ समाज को प्रदान की हैं| चाचा जी श्री योगेन्द्र मणि त्रिपाठी एक ख्यातिप्राप्त रचनाकार हैं| उनके छंद गीत मुक्तक व लेख में भावनाओं की अद्भुद अंतरंगता का बोध होता है| पिता जी भी एक शिक्षक होने के साथ साथ चर्चित रचनाकार हैं| माता जी को भी एक कवित्री के रूप में देखता आ रहा हूँ| पूरा परिवार हिन्दी साहित्य से जुड़ा हुआ है|इसी परिवार का एक छोटा सा पौधा हूँ| व्यंग, मुक्तक, छंद, गीत-ग़ज़ल व कहानियां लिखता हूँ| कुछ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होता रहता हूँ| कवि सम्मेलन के अतिरिक्त काव्य व सहित्यिक मंचों पर अपने जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों को आप तक पहँचाने का प्रयास करता रहा हूँ| आपके स्नेह, प्यार का प्रबल आकांक्षी हूँ| विश्वास है आपका प्यार मुझे अवश्य मिलेगा| -नवीन

सोमवार, 16 जून 2014

--- मै आपका थानेदार हूँ ---

मैं आपका थानेदार हूँ.



मैं इस देश की जनता का ,
सुरक्षा कवच हूँ |
भोले भले लोगों की अच्छी खासी
समझ हूँ |
दिन रात लोगों की भलाई के लिए दौड़ता हूँ |
जरुरत पड़ने पर हड्डियाँ तोड़ता हूँ |
निर्दोषों से भी रूपया ऐठता हूँ |
ना देने पर कानून में लपेटता हूँ |
आप की सेवा के लिए आप का पहरेदार हूँ |
अरे भाई ! अब नहीं समझे ?"
मैं कोई और नहीं ,
मै आपका थानेदार हूँ |
मैं आपका थानेदार हूँ ||


* * * * * * * *


व्यवसाय से मेरा अच्छा
रिश्ता है ,
मेरी दूकान में कुछ महागा
कुछ सस्ता है |
फुर्सत मिले तो,
मेरे सो रूम में आइये |
आपने जरूरत की ,
सारी चीजें ले जाइये |
मसलन .....हत्या बलात्कार
व राहजनी को अपनाइए |
बदले में थोड़ी कीमत चुकाइए |
दस प्रतिशत अधिक टैक्स देने पर
कानून से सुरक्षित रहने का
गारंटी पत्र पाइए |
आपकी सेवा के लिए मै ,
बिलकुल तैयार हूँ |
हाँ बिलकुल ठीक जाना ....
मैं आपका थानेदार हूँ |
मै आपका थानेदार हूँ ||


* * * * * * * * * * *


हम आपकी सेवा के लिए
सदैव तत्पर दिखते हैं |
मेरे व्यवसाय के शेयर,
मार्केट में बिकते हैं |
मेरे शेयर की मार्केट वैलू,
एक महीने में दस गुना हो जाती है |
देखते ही देखते किस्मत बदल जाती है |
मेरी बेब साईट में सीक्रेट फोल्डर हैं |
राज नेता तो मेरा बड़ा शेयर होल्डर है |
कला बाजारी एस्मग्लिंग फंड ,
की मार्केट तेज है |
इसमे पैसा लगाने में कुछ नहीं गुरेज है |
फार्म उपलब्ध हैं ले जाइये |
अपनी मन पसंद स्कीम में पैसा लगाइए |
अपनी कंपनी के लिए ,
आप से सहयोग का हक़दार हूँ |
समझ गये ना ....!
मैं आप का थानेदार हूँ |
मैं आप का थानेदार हूँ ||


* * * * * *


मेरे सो रूम में आइये ,
आर्थिक मंदी का लाभ उठाइए |
डकैती हत्या बलात्कार पर ,
पचीस प्रतिशत की छूट है|
अपहरण छेड़खानी और जाली नोटों पर ,
लूट ही लूट है |
अवैध गाँजा शराब जुवाखोरी व चकलाघर,
पर विशेष स्कीम है |
रेट लिस्ट के लिए दीवान जी मुनीम है |
अगर आप को कोई घर या जमीन कब्ज़ा करना है |
अथवा शहर में कोई दंगा करना है |
तो इसका टैक्स थोडा ज्यादा पड़ता है |
क्यों की इसमें तो पुलिस वाला भी मरता है |
इसके ग्राहक तो हमारे पार्टनर नेता हैं |
सीधे साधे समाज के प्रणेता हैं |
आप की सेवाओं के लिए ,
मैं काफी दमदार हूँ ,
सोच ले भाई .....
मैं आप का थाने दार हूँ |
मैं आप का थानेदार हूँ ||


* * * * * *


मेरी दूकान में हर चीज बिकती है |
शो रूम की आखिरी लाइन
कुछ खास दिखती है |
यकीन नहीं तो यकीन हो जायेगा
तुम्हारा भ्रम सत्त्यता में विलीन हो जायेगा|
देखो ! ये है फर्जी अन्कौन्टर के सफल रिकार्ड |
प्रोन्नति पाने के स्मार्ट कार्ड |
पचास प्रतिशत का आफर देता हूँ .
बाकी सरकार से कम लेता हूँ|
निर्दोष को क्रिमनल बना देता हूँ |
हर तरफ नाम कमा लेता हूँ |
वैसे मैं बेचने को अपनी आत्मा भी बेचता हूँ
ठीक ठाक खरीदार ढूंढता हूँ |
इमान तो रोज बिकते हैं .
आत्मा के ग्राहक काम मिलते हैं |
मुझे उम्मीद है एक दिन कोई बड़ा ग्राहक |
एक नेता ही आएगा |
मेरी आत्मा को ले जायेगा |
मेरे ही किसी अपने का क़त्ल कराएगा \
धंधे की बातों का मै दानेदार हूँ |
अगर अब भी नहीं समझे .......
तो जल्दी समझ जाओगे |
मैं आपका थानेदार हूं |
मैं आपका थानेदार हूँ ||

         नवीन


10 टिप्‍पणियां:

  1. मस्त मस्त प्रस्तुति -
    आभार भाई जी-

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर भाव और यथार्थ दर्शाती पंक्तियाँ

    जवाब देंहटाएं
  3. देखो ! ये है फर्जी अन्कौन्टर के सफल रिकार्ड |
    प्रोन्नति पाने के स्मार्ट कार्ड |
    पचास प्रतिशत का आफर देता हूँ .
    बाकी सरकार से कम लेता हूँ|
    निर्दोष को क्रिमनल बना देता हूँ |
    हर तरफ नाम कमा लेता हूँ |
    वैसे मैं बेचने को अपनी आत्मा भी बेचता हूँ
    ठीक ठाक खरीदार ढूंढता हूँ |
    इमान तो रोज बिकते हैं .
    आत्मा के ग्राहक काम मिलते हैं |
    मुझे उम्मीद है एक दिन कोई बड़ा ग्राहक |
    एक नेता ही आएगा |
    मेरी आत्मा को ले जायेगा |
    मेरे ही किसी अपने का क़त्ल कराएगा \
    धंधे की बातों का मै दानेदार हूँ |
    अगर अब भी नहीं समझे .......
    तो जल्दी समझ जाओगे |
    मैं आपका थानेदार हूं |
    मैं आपका थानेदार हूँ ||
    बहुत सुन्दर नवीन जी ! निर्भीक अभिव्यक्ति !
    नौ रसों की जिंदगी !

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  4. तीखी धार है व्यंग की ... बहुत लाजवाब है हर छंद ...

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  5. त्रिपाठी जी, आपने बातों बातों में सत्य समाविष्ट किये बहुत बातें कह दी है. मैं बस इतना कहूँगा कि ढेरों बधाई के हकदार है.

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