तीखी कलम से
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रविवार, 30 जून 2024
दुनिया को मुहब्बत से जलन कम नहीं होती
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ग़ज़ल 221 1221 1221 122 चेहरे पे मुहब्बत की शिकन कम नहीं होती । माशूक़ की ख़ुशबू ए बदन कम नहीं होती ।।1 उल्फ़त की है ये ज़ुस्तज़ू दीवानगी का द...
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मंगलवार, 19 अप्रैल 2022
भगवान परशुराम जयंती पर
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2122 1122 1122 22 बज्र बन कर के दधीची को जिया करते हैं । हवा के रुख को भी हम मोड़ लिया करते हैं । बन के कौटिल्य बचाते है देश को अक...
बुधवार, 30 मार्च 2022
आये हैं जब भी शाम को तेरी गली से हम
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221 2121 1221 212 कब तक सहेंगे दर्द यहाँ ख़ामुशी से हम। करते रहे सवाल यही ज़िंदगी से हम ।।1 यूँ हिज़्र की न चर्चा करो हम से आज...
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मंगलवार, 22 मार्च 2022
इश्क़ तो इश्क़ है ये इतना भी लाचार नहीं
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ग़ज़ल 2122 1122 1122 22 कोई उल्फ़त यहाँ बिक जाएगी आसार नहीं ।। इश्क़ तो इश्क़ है ये इतना भी लाचार नहीं ।।1 सच की उम्मीद भला कैसे रह...
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गुलों पर शोखियां, बहकी अदाएं
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ग़ज़ल गुलों पर शोखियां, बहकी अदाएं । बदलती जा रही हैं अब हवाएं ।। बिखरती है यकीं के बिन जो अक्सर । मुहब्बत बारहा मत आजमाएं ।। मेरी किस्मत...
दाग़ मेरी बज़्म से लेकर यहाँ से जो गया है
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2122 2122 2122 2122 दरमियां अपनो के यारो हौसला यूँ खो गया है । चाहतों के रास्तों पर कोई काँटे बो गया है ।।1 है ज़रूरी कुछ सजा उसके ल...
ये दुनिया तोलती है हर असर को
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1222 1222 122 पता है बात ये शम्स ओ क़मर को । ये दुनिया तोलती है हर असर को ।।1 कोई दीवाना गुजरेगा यकीनन । सजा रक्खी है उस...
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