तीखी कलम से

सोमवार, 5 मई 2014

वर्तमान परिभाषा धर्म निरपेक्ष की





जब किसी बहु संख्यक की
दंगों में मौत हो जाए ।
उस पर नेता का कोई बयान  ना आए ।
और जब किसी अल्प संख्यक को
कोई आँख भर दिखाए
और नेता उसके लिए वर्षों चिल्लाये ।
वर्ग विशेष के सारे मुकदमे हटाये ।
अपराध करने की मौन स्वीकृति दिलाये ।
फिर चुनाव जीत कर आता है ।
तो वह नेता धर्म निरपेक्ष कहलाता है ।।


जब कोई मंदिर नही बनाने की बात करे ।
मस्जिद और कब्रस्तान को अनुदान करे।
ट्रेन की बोगियों में जल कर मरे श्रधालुओं की बात
जुबान पर ना लाये ।
सिर्फ एक पक्षीय अत्याचार का डंका बजाए ।
वोटों के लिए दंगे कराये ।
ऐसा कह कर स्वार्थ सिद्ध कर जाता है
 जी हाँ ,वही नेता धर्म निरपेक्ष कहलाता है ।।


जिसमे आतंकियों के प्रति गहरी सद्भावना हो ।
देश को तोड़ने की कामना हो ।
भरपूर जाती पाति की भवना हो ।
विष बमन करके जो समाज को खंड खंड करे ।
नफरत की अग्नि को प्रचंड करे ।
साम्प्रदायिक बन के अल्प संख्यक को अखंड करे ।
जो अल्प संख्यक के सापेक्ष बहता है ।
हाँ वही धर्म निरपेक्ष कहलाता है ।।


जो सर पर सम्प्रदाय विशेष की टोपी पहने ।
बहुसंख्यक धार्मिक आस्था पर
लगे उल्टा सीधा बकने ।
देश की स्मिता कारगिल को सम्प्रदाय से जोड़े ।
देश में घुसपैठियों पर संवेदना की राग छोड़े ।
कश्मीरी पंडितों पर हो रहे अत्याचार से
मुह मोड़े ।
ऊपर से उन पर साम्प्रदायिकता का बम फोड़े ।
जब सच मौन देश के परिप्रेक्ष्य होता है ।
मानो तो सही
अब वही धर्म निरपेक्ष होता है ।

              नवीन

7 टिप्‍पणियां:

  1. 'धर्मनिरपेक्ष' लोगों की असली परिभाषा बता दी है आपने. अति सुन्दर.

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  2. ये आज की धर्म-निरपेक्षता है ...
    जैसा हम बोते हैं वैसा ही काटते हैं कई वर्षों बाद ... इसलिए जागना तो अभी ही होगा ...

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  3. सुन्दर रचना !
    मेरे ब्लॉग manojbijnori12.blogspot.com पर आपका स्वागत है अपने कमेंट्स भेजकर कर और फोलोवर बनकर हमारा अपने सुझाव दे !

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  4. बहुत सुन्दर भाव और यथार्थ दर्शाती पंक्तियाँ

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