तेरी पाजेब की घुघरू ने दिल से कुछ कहा होगा.|
लबों ने बंदिशों के शख्त पहरों को सहा होगा ||
यहाँ गुजरी हैं रातें किस कदर पूछो ना तुम हम से |
तसव्वुर में तेरी तश्वीर का हाले बयाँ होगा ||
यहाँ ढूढ़ा वहाँ ढूँढा ना जाने किस जहाँ ढूँढा |
किसी बेदर्द हाकिम से गुनाहों की सजा ढूँढा ||
वफाओं के परिंदे उड़ गये हैं इस जहाँ से अब |
जालिमों के चमन में मैंने कातिल का पता ढूँढा ||
शमाँ रंगीन है फिर से गुले गुलफाम हो जाओ |
मोहब्बत के लिए दिल से कभी बदनाम हो जाओ ||
चुभन का दर्द कैसा है जख्म तस्लीम कर देगा ||
वक्त की इस अदा पे तुम भी कत्ले आम हो जाओ ||
ये साकी की शराफत थी जाम को कम दिया होगा |
तुम्हारी आँख की लाली को उसने पढ़ लिया होगा ||
बहुत खामोशियों से मत पियो ऐसी शराबों को |
छलकती हैं ये आँखों से कलेजा जल गया होगा ||
लबों ने बंदिशों के शख्त पहरों को सहा होगा ||
यहाँ गुजरी हैं रातें किस कदर पूछो ना तुम हम से |
तसव्वुर में तेरी तश्वीर का हाले बयाँ होगा ||
यहाँ ढूढ़ा वहाँ ढूँढा ना जाने किस जहाँ ढूँढा |
किसी बेदर्द हाकिम से गुनाहों की सजा ढूँढा ||
वफाओं के परिंदे उड़ गये हैं इस जहाँ से अब |
जालिमों के चमन में मैंने कातिल का पता ढूँढा ||
शमाँ रंगीन है फिर से गुले गुलफाम हो जाओ |
मोहब्बत के लिए दिल से कभी बदनाम हो जाओ ||
चुभन का दर्द कैसा है जख्म तस्लीम कर देगा ||
वक्त की इस अदा पे तुम भी कत्ले आम हो जाओ ||
ये साकी की शराफत थी जाम को कम दिया होगा |
तुम्हारी आँख की लाली को उसने पढ़ लिया होगा ||
बहुत खामोशियों से मत पियो ऐसी शराबों को |
छलकती हैं ये आँखों से कलेजा जल गया होगा ||
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