मीत बन के कहानी बुनो तो सही |
तुम हृदय से हृदय में घुलो तो सही ||
स्वर जगा दूंगा होठों से सरगम का मै|
बांसुरी बन के मुझको मिलो तो सही ||
पुष्प राहों में तेरे बिखर जायेंगे |
दो कदम साथ मेरे चलो तो सही ||
तार उलझे हुए जो सुलझ जायेंगे |
जिन्दगी की लिए तुम ढलो तो सही ||
कब तलक बर्फ बन के जमोगे यहाँ ?
इस प्रणय अग्नि में कुछ गलो तो सही ||
जिन्दगी के अंधेरों से लड़ लूँगा मैं |
एक बाती की लव बन जलो तो सही ||
-नवीन
तुम हृदय से हृदय में घुलो तो सही ||
स्वर जगा दूंगा होठों से सरगम का मै|
बांसुरी बन के मुझको मिलो तो सही ||
पुष्प राहों में तेरे बिखर जायेंगे |
दो कदम साथ मेरे चलो तो सही ||
तार उलझे हुए जो सुलझ जायेंगे |
जिन्दगी की लिए तुम ढलो तो सही ||
कब तलक बर्फ बन के जमोगे यहाँ ?
इस प्रणय अग्नि में कुछ गलो तो सही ||
जिन्दगी के अंधेरों से लड़ लूँगा मैं |
एक बाती की लव बन जलो तो सही ||
-नवीन