तीखी कलम से

शनिवार, 11 अगस्त 2012

स्वतंत्रता दिवस

आज हम देश में ,
६५ वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं |
आजाद हिंद को दिल से सजा रहे हैं |
बड़े गर्व से अपना सर ,
ऊंचा उठा रहे हैं |
आज के दिन ,
हम खूब याद करते हैं ,
आपने देश के बलिदानियों का बलिदान |
बलिदानों से जीवित है हमारा सम्मान |
याद है हमें ,
राजगुरु भगत सिंह
और बिस्मिल की फासी |
आजाद का स्वभिमान
और वीरांगना रानी झाँसी ||
असंख्य देश भक्तों की क़ुरबानी |
गाँधी के सत्याग्रह की
वह अमिट निशानी |
बलिदानियों से भरा पड़ा
हमारे देश के  स्वतंत्रता का इतिहास |
लाखों कुर्बानियां और लाखों उपवास |
एक बेमिशाल
देश भक्ति का जज्बा |
आजाद कर गया देश का हर कुनबा |
पर आज !
हम खो रहे हैं उस महा शक्ति का ताज |
हम तोड़ रहे हैं भारतीयता की लाज |
आज देश का गरीब ,
अस्पताल की चौखट पर
सर पटक पटक कर मर जाता है |
पर हमारा यह तंत्र
उस जीवन दायनी दवा को ही हजम कर जाता है |
आज आसाम में द्रौपदी की तरह ,
हमारी बहनों का चीर हरण होता है |
और आज का आजाद भारतीय ,
बिना किसी आन्दोलन के न्यूज के चटखारे लेता है|
देश में स्पेक्ट्रम का अवैध सौदा |
भारतीय जन मानस को भरपूर रौदा |
खेलों में फर्जी बिलों का मुद्दा  |
ये है हमारी स्वतंत्रता का धब्बा |
आज स्वतंत्रता के इतने वर्षों के बाद ,
हमने ऐतिहासिक प्रगति किया है |
घोटालों में उन्नति
विश्व स्तर पर किया है |
आज के स्वतंत्र भारत में सब कुछ बिकता है |
अन्याय का दीपक खुले आम जलता है |
हम मौन हैं ,
हम लाचार हैं|
हम विवश हैं ,
हम बीमार हैं |
ध्वस्त  हो चुकी है
हमारी अन्याय से लड़ने की शक्ति |
विलुप हो गयी है
आजादी से पहले की देश भक्ति ||
कम से कम
आज तो जाग जाओ ,|
स्वतंत्र होने के दायित्वों को
समझ जाओ |
इस से पहले तुम्हारा देश
घोटालों और भ्रष्टाचार की बलि चढ़ जाये !
देश से बलिदानियों का इतिहास धुल जाये |
तुम्हे इस देश को बचाना होगा |
हर दिल में बन्दे मातरम का जज्बा जगाना होगा |
और इस तिरंगे को
देश के हर घर में फहराना होगा |
देश के हर घर में फहराना होगा ||
देश के हर घर में फहराना होगा ||
           जय हिंद


 

16 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत जबरदस्त विवेचना की है आज के हालात की सच में हम सोचने पर मजबूर हैं की क्या सचमुच हम आजाद हैं क्या सच्चा लोकतंत्र है यहाँ कैसे मनाये आजादी की साल गिरह ??हार्दिक आभार नवीन जी बहुत सुन्दर लिखा है बहुत दिन बाद आपको पढ़ा |

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  2. हम मौन हैं क्योंकि हम सोचते हैं कि इतने सारे तो हैं...कोई और बोलेगा..कोई और करेगा......और सभी यही सोचते हैं....
    बेहद सशक्त रचना....
    फिर भी सुधार की आशा लिए शुभकामनाएं प्रेषित करती हूँ.
    जय हिंद!!!
    अनु

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  3. आजादी के मायने क्या, सिर्फ झंडा फहराय
    क्या स्वतंत्रता यही है कोई मुझको अर्थ बताय,,,

    RECENT POST ...: पांच सौ के नोट में.....

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  4. namaskaar naveen ji
    bahut sundar rachna , waah badhai aapko bahut dino baad blogiing par vapis aayi hoon , aapki rachna aaj ka kataksha , waah

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  5. सार्थक एवं सशक्त रचना आभार.....उन शहिदों को नमन..जय हिंद....

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  6. विगत 65 वर्षों में हमने क्या हिन्दुस्तान को वही रूप दिया है जिसका स्वप्न शहीदों ने देखा था?
    ये प्रश्न विचारणीय है
    सुन्दर प्रस्तुतीकरण

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  7. क्या थे, क्या हो गये..ऊर्जा संदोहित रहे..

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  8. आज 14/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!

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  9. हालात अच्छे तो नहीं लेकिन हमें अपने शहीदों पर नाज़ है
    स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें ......!!!!

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  10. jai hind....sirf vichar say kuch hoga nahi...jab tak sab kuch karengay nahi......

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  11. राष्ट्रप्रेम को गुंजायमान करती बहुत अच्छी कविता।

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  12. इस से पहले तुम्हारा देश
    घोटालों और भ्रष्टाचार की बलि चढ़ जाये !
    देश से बलिदानियों का इतिहास धुल जाये |
    तुम्हे इस देश को बचाना होगा |
    हर दिल में बन्दे मातरम का जज्बा जगाना होगा |
    और इस तिरंगे को
    देश के हर घर में फहराना होगा |
    देश के हर घर में फहराना होगा ||
    देश के हर घर में फहराना होगा ||
    बहुत सुन्दर सन्देश परक आह्वान ,बहुत अच्छी रचना स्वतंत्रता दिवस की बधाईयाँ

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  13. जागरूकता के प्रति सचेत करती विचारणीय रचना .....

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