तीखी कलम से

सोमवार, 25 जुलाई 2016

सावन का महीना

सावन के महीने में सारे पूजी पति लोग आनंद मनाते हैं लेकिन सही मायने में गरीबों के लिए सावन का महीना मुसीबत लेकर आता है । मैंने गरीबों की मुसीबत देखते हुए सावन के महीने पर एक रचना लिखी है ।....................................


मच्छर ने नोच   खाया  सावन  का  महीना ।
मैं रात भर  खुजाया  सावन   का  महीना ।।

जब गर्म हुआ तड़का कीड़ों ने जम्प मारा ।
मेथी समझ के खाया सावन  का महीना ।।

सीवर में घुसा पानी ,ओवर फ्लो हुआ है ।
गिर कर बहुत नहाया सावन का महीना ।।

चू ने लगी  है  छत  तब  बरसात तेज आई ।
मुझे  रात  भर जगाया  सावन का महीना ।।

है बढ़ गयी  महगाई  कहती  मेरी  लुगाई ।
धंधा  बहुत  गवांया  सावन  का  महीना ।।

तन मन की आग बेगम जैसे चली बुझाने ।
इक सांप नज़र आया सावन का महीना ।।

बच्चों की जिद पे झूला था डाल पर टँगाया
 ।
वह  पैर  तोड़  आया  सावन  का  महीना ।

लकड़ी मिली है भीगी चूल्हा जला न पाया ।
चूहों  ने  पेट  खाया  सावन   का   महीना ।।

डेटिंग पे  नही आयी  बारिस वजह बताई । 
है  वक्त  बुरा  आया   सावन   का   महीना ।

नवीन

9 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 27 जुलाई जुलाई 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह ... मस्त ग़ज़ल है सावन के महीने की यादें ...

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको . कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    https://www.facebook.com/MadanMohanSaxena

    जवाब देंहटाएं