तीखी कलम से

मंगलवार, 28 मार्च 2017

ग़ज़ल - वैलेंटाइन स्पेशल।

मित्रो यह  ग़ज़ल अवधी और भोजपुरी मिश्रित है । 

*******।।वैलेंटाइन स्पेशल।।********

*2122   1212   22*

प्रेम   मा   टकटकी    लगाये   हम ।
कौनो  दुलहिन न  ढूढि  पाये  हम ।।

 चल दिहिस फिर बयार फागुन कै ।
 शेष  बाबा  से  डाट  खाये   हम ।।

खूब    रंगीन   आज   मौसम   बा ।
तुम का खातिर  गुलाब  लाये हम ।।

चाल  तोहरो  बा  मोरनी  जइसन ।
वीडियो  मा  उतारि   लाये   हम ।।

कइलू करिया तु आज जब जुल्फी ।
राति  भर  देखि  कै  बिताये  हम ।।

ई   बुढ़ापा    मा  हो   गइल  दंगा ।
इश्क़बाजी  मा  चोट  खाये  हम ।।

अब  चिरौरी  करब  न हम तुमसे ।
भेद उमरिन  का सब मिटाये हम ।।

कुछ तरस खा के मानि जा ससुरी ।
महँगी   नथुनी  उधार   लाये  हम ।।

है  बुजुर्गी   मा   इश्क   खरचीला ।
हैं   शिलाजीत  कुछ  मंगाए  हम ।।

मुसकी मारो न खीसि अब  काढ़ो ।
खेत गिरवी मा  धय के आये हम ।।

व्याह अब हुई है प्रेम  दिवसन  पर ।
घर से किरिया  हई  तो  खाये हम ।।

        - नवीन मणि त्रिपाठी

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