तीखी कलम से

रविवार, 15 मार्च 2020

कि मैं रिंद हूँ मैकदा चाहता हूँ

***ग़ज़ल ***

रहे   तू   जहाँ   वो   फ़िज़ा  चाहता  हूँ ।
मैं दैर-ओ-हरम  का  पता  चाहता हूँ ।।1

तेरी  खुशबुओं  से   मुअत्तर  चमन  में ।
महकती   हुई   इक  सबा चाहता  हूँ ।।2

मेरी चाहतों  से  है  वाकिफ़ ख़ुदा जो ।
उसे  क्या  बताऊँ  मैं  क्या चाहता हूँ ।।3

है दोज़ख़ या जन्नत बताने की  ख़ातिर ।
तेरे   इश्क़   का  फ़लसफ़ा  चाहता हूँ ।।4

सलामत   रहे   बेख़ुदी   उम्र   भर  ये ।
न  उतरे  कभी  वो  नशा  चाहता हूँ ।।5

समझ ही न पाया मैं मज़मून ख़त का ।
सनम का ही अब तर्जुमा  चाहता हूँ ।।6

मुझे  यूँ  ही  तन्हा ही  रहने दो यारों ।
अभी   हिज्र  का  तज्रबा  चाहता   हूँ ।।7

विसाले सनम को ख़बर मेरी ख्वाहिश ।
के  मैं  रिंद  हूँ  मयक़दा  चाहता  हूँ ।।8

जो बीनाई में हैं मुहब्बत के मंजर ।
उन्हीं पर तेरा तब्सिरा चाहता हूँ ।।9

रक़ीबों की महफ़िल में जाने से पहले ।
तेरा हाले दिल पूछना चाहता हूँ ।।10

मैं शाइर हूँ मेरे कलम को न रोको ।
ग़ज़ल से नया सिलसिला चाहता हूँ ।। 11

     - नवीन मणि त्रिपाठी

4 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया ग़ज़ल।
    कभी तो दूसरों के ब्लॉग पर भी अपनी टिप्पणी दिया करो।

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  2. Hey admin!! These images and quotes are very beautiful. Thank you so much for sharing this. Romantic Whatsapp Images

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  3. "सलामत रहे बेख़ुदी उम्र भर ये ।
    न उतरे कभी वो नशा चाहता हूँ ।।
    समझ ही न पाया मैं मज़मून ख़त का ।
    सनम का ही अब तर्जुमा चाहता हूँ ।।
    मुझे यूँ ही तन्हा ही रहने दो यारों ।
    अभी हिज्र का तज्रबा चाहता हूँ ।।"
    बड़ा ही सुन्दर लिखा है आपने सच में। ऐसी सुन्दर पंक्तिया लिखने के लिए आपका धन्यवाद ! Read Our Blog: "What Do U Do Meaning in Hindi" "What Meaning in Hindi"

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