तीखी कलम से

बुधवार, 30 नवंबर 2011

मीत बन के कहानी बुनो तो सही

मीत बन  के  कहानी  बुनो   तो   सही |
तुम हृदय से हृदय  में  घुलो  तो  सही || 

स्वर जगा दूंगा होठों से सरगम  का मै|
बांसुरी बन के मुझको मिलो  तो  सही ||

पुष्प    राहों   में   तेरे   बिखर   जायेंगे |
दो  कदम   साथ   मेरे  चलो  तो  सही ||

तार   उलझे   हुए  जो   सुलझ  जायेंगे |
जिन्दगी  की  लिए  तुम ढलो तो सही ||

कब  तलक  बर्फ  बन  के जमोगे यहाँ ?
इस प्रणय अग्नि में कुछ गलो तो सही ||


जिन्दगी   के  अंधेरों  से  लड़  लूँगा  मैं |
एक  बाती  की  लव  बन जलो तो सही ||
                                                            -नवीन

21 टिप्‍पणियां:

  1. अरे वाह बहुत ख़ूबसूरत ग़ाज़ल लिखी है आपने त्रिपाठी जी!

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  2. बहुत सुंदर प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

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  3. स्वर जगा दूंगा होठों से सरगम का मै|
    बांसुरी बन के मुझको मिलो तो सही ||

    जिन्दगी के अंधेरों से लड़ लूँगा मैं |
    एक बाती की लव बन जलो तो सही ||

    बहुत सुन्दर गज़ल

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  4. सहज प्रवाह ...
    बधाई और शुभकामनायें स्वीकार करें !

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  5. आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा दिनांक 05-12-2011 को सोमवारीय चर्चा मंच पर भी होगी। सूचनार्थ

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  6. स्वर जगा दूंगा होठों से सरगम का मै|
    बांसुरी बन के मुझको मिलो तो सही ||

    बेहतरीन गज़ल

    इस पोस्ट पर मैंने पहले भी टिप्पणी भेजी थी किन्तु उसे यहाँ न देख फिर से टिप्पणी भेज रही हूँ

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  7. जिन्दगी के अंधेरों से लड़ लूँगा मैं |
    एक बाती की लव बन जलो तो सही ||
    नवीन जी ,
    आपके मन से निकले उदगार बहुत ही सुंदर हैं । मेरी कामना है कि आप निरंतर लिखते रहें । मेरे नए पोस्ट पर आपका आमंत्रण है । धन्यवाद ।

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  8. मीत बन के कहानी बुनो तो सही | bahut sundar ...

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  9. अच्छी गज़ल नवीन भाई जी...
    सादर बधाई...

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  10. तार उलझे हुए जो सुलझ जायेंगे |
    जिन्दगी की लिए तुम ढलो तो सही ||
    kamal ati sunder
    badhai

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  11. aapki sari kavitaye ham pdh lenge
    aap yoon hi likhte rahiye to sahi....
    umda prastuti

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  12. इस पोस्ट के लिए धन्यवाद । मरे नए पोस्ट :साहिर लुधियानवी" पर आपका इंतजार रहेगा ।

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  13. नाम राशि जी, नमस्कार। आप के ब्लॉग पर आज घुमक्कड़ी की। रचनाधर्मिता के प्रति आप का समर्पण सराहनीय है।

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  14. बहुत सुन्दर....
    प्यारी रचना.
    सादर.

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    1. बहुत दिनों के बाद आप दिखीं ,लेकिन आपके पोस्ट-ब्लॉग नहीं दिख रहे .... ??

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  15. आप के मन-मुराद पूरे हो
    संग्रहनीय रचना
    शुभकामनायें !!

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