तीखी कलम से

बुधवार, 3 सितंबर 2014

भारतीय ज्योतिष की कसौटी पर नरेन्द्र मोदी के वादे



         नरेन्द्र दामोदर दास मोदी" … जी हाँ एक  ऐसा नाम जिससे तय होगा भारत जैसे विशाल देश का भविष्य । देश की तमाम जनता के मन में एक कौतूहल बना हुआ है कि मोदी जी ने जो सपने दिखाए हैं क्या वह वास्तव में  पूरे हो पाएंगे ? क्या उनका व्याज सहित लौटाने का वादा पूरा हो पायेगा ? क्या वे भ्र्ष्टाचार मुक्त भारत की तश्वीर जनता के सामने पेश कर पाएंगे ? इस तरह के अनेकों सवाल जनता के मन में गूँज रहे हैं ,जिनका उत्तर भविष्य की तलहटी में छिपा हुआ है । आइये हम भी टटोलते हैं अपने ऋषि महर्षियों के द्वारा दिए गए ज्योतिष विज्ञानं के अनमोल उपहार से मोदी जी का भविष्य ।

   
        मोदी जी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को दोपहर  11 बजे बड़ नगर  मेहसाणा जनपद गुजरात में हुआ था । इनका जन्म अनुराधा नक्षत्र के द्वितीय चरण में हुआ था । शास्त्रों के अनुसार अनुराधा नक्षत्र के  द्वितीय चरण में जन्म लेने वाला जातक कला संगीत में रूचि रखने वाला ,कोर्ट कचहरी में विजय प्राप्त करने वाला राज्य पक्ष से सम्मानित एवम और राज्य सत्ता में उच्य पदासीन होते हैं । शत्रुओं से कभी घबराते नहीं उनको परास्त करने की गजब की शक्ति पायी जाती है । पिता या पैतृक संपत्ति का लाभ इन्हें नही प्राप्त होता है। घर परिवार से दूर रह कर ये अपने पुरषार्थ को आगे बढ़ाते हैं। जीवन अक्सर विवादस्पद मोड़ आते रहते हैं। उक्त सभी लक्षण मोदी  जी में दृष्टिगोचर हैं।
            प्रधान मंत्री मोदी जी की कुंडली पर गौर करें तो वृश्चिक लग्न की कुंडली में लग्नेश मंगल चन्द्रमा से युत होकर लग्न में विराजमान हैं। मंगल त्रिकोण का स्वामी भी है। चन्द्र मंगल  युति महा लक्ष्मी योग कहलाता है। अतः निश्चय ही ऐसे व्यक्तित्व  लिए अर्थ कभी समस्या उत्पन्न नहीं कर पाता है।  आर्थिक स्थितियां सुदृढ़  जाती हैं। गुजरात के मुख्य मंत्री काल में  मोदी ने गुजरात की आर्थिक व्यवस्था सुदृढ़ करने में देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्वथा अग्रणी रहे हैं। अब उनके हाथों में सम्पूर्ण देश आ चुका है तो पूरी सम्भावना है की देश भी विकास के दर में तेजी से वृद्धि करेगा और देश की उन्नति होगी।

               कुंडली में लग्नेश मंगल और भाग्येश चन्द्रमा का होना भाग्यवर्धक स्थितियों द्योतक माना जाता है। लग्नेश चन्द्रमा का लग्न में बैठना वीरता प्रमाणित करता है , क्यों की मंगल ग्रह वीरता का कारक है और वह भी स्वगृही होकर लग्न  में ही स्थित है। यह जातक को अत्यधिक बोल्ड बना देता है। चन्द्रमा नीच राशि में स्थित है अतः यह मोदी जी को महान कूटनीतिज्ञ बनाने में पूर्ण सक्षम है एवम कुशल आलोचक बनाने में पूर्ण सहायक भी है भी है।
             यदि हम मोदी जी की कुंडली में एकादस भाव की समीक्षा करें तो पाएंगे कि एकादस भाव  कन्या राशि है वहां बुध सूर्य की युति बुद्धादित्य योग का निर्माण कर रही हैं यह बुद्धादित्य योग लाभ भाव में बन रहा है और वह भी लाभेश के साथ। यहाँ लाभेश अपनी उच्य राशि कन्या में स्थित है। भारतीय प्रधानमंत्री का लाभ भाव अत्यंत शक्तिशाली है। किसी  भी व्यक्ति की  कुण्डली में बुद्धादित्य योग व्यक्ति की वैचारिक शक्ति को सुदृढ़ कर आर्थिक रूप से आत्म निर्भर करता है। जीवन में ऐसे व्यकति सदैव अपने मिशन में लाभ की अवस्था में उत्तरोत्तर वृद्धि करते रहते हैं। स्पष्ट है की देश उनकी योजनाओं से अधिकाधिक लाभ प्राप्त करने का अवसर प्राप्त करता रहेगा।
          भाषण कला व प्रभावशाली संवाद स्थापित करने के लिए बुध ग्रह का शक्तिशाली होना परम आवशयक माना जाता है। मोदी की कुंडली में बुध उच्य राशिस्थ है। इनकी वाक पटुता से देश व विदेश दोनों प्रभावित होंगे।  वैमनस्यता एवं शत्रु को परास्त करने में बुध अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उच्य का बुध उच्य बौद्धिक स्तर को दर्शाता है। राहु बुध का मित्र ग्रह माना जाता है राहु  की पूर्ण दृष्टि मित्र ग्रह बुध और बुध राशि पर है। यहाँ यह दृष्टि शुभ फलदाई होगी जिस से देश की उन्नति के मार्ग प्रसस्त होंगे।
            शनि ग्रह मोदी की कुण्डली में पराक्रम एवं सुख भाव का स्वामी है। अर्थात शनि तृतीय और चतुर्थ  भाव का स्वामी है। शनि राज्य भाव दसम में कर्मेश शुक्र के साथ युत होकर स्थित है। पराक्रमेश सुखेश शनि और कर्मेश शुक्र का यह योग मोदी को सत्ता की बुलंदियों तक पहुचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है। नरेन्द्र मोदी पहली बार मुख्य मंत्री  बने तब दिनांक 30-9-1998से 30-11-2001तक शुक्र की महादशा में शनि की अंतर दशा चल रही थी। मोदी जी पहली बार मुख्यमंत्री दिनांक 7अक्टूब 2001में बने थे। अतः दशम भाव में शुक्र शनि का योग इन्हें एक दुसरे की अंतर प्रत्यंतर दशाओं में शुभफल दाता के रूप में ही देखा जाएगा।

          चतुर्थ भाव में स्थित गुरु सीधे सीधे दशम में स्थित शनि  दृष्टि संबंध रखता है। मोदी सदैव न्याय के समर्थक होंगे। न्याय प्रिय होंगे। कभी भी ऐसे कृत्यों में शामिल नहीं हो सकते जो भ्र्ष्टाचार को पोषित करें। गुरु शनि का समसप्तक दृष्टि संबन्ध इन्हें कभी भी अन्याय व भरष्टाचार  सहन नहीं करने देगा। अन्याय कूटनीति भ्रष्टाचार आदि को मुहतोड़ जबाब देकर देश को स्तब्ध करते रहेंगे। कुंडली का नवम भाव धर्म का होता है धर्मेश चन्द्रमा लगनस्थ है यह प्रबल धार्मिक आस्था से ओत प्रोत करता है।  अतः मोदी जी सभी धर्मों के प्रति आदरयुक्त रहेंगे।
       यदि अंक ज्योतिष को भी संज्ञान में लेकर चलें तो नरेंद्र मोदी का मूलांक 8है और भाग्यांक 5है। 8 का अंक शनि का है। मूलांक 8 के जातक अपने दायित्वों के प्रति गहरी निष्ठां रखते हैं। शनि के कारण सेवा भावना कूट कूट भरी होती है। यह अंक योग्य सेवक का सूचक है। भाग्य अंक5 बुध का है   यह अंक व्यापार कौशल ,उत्कृष्ट वक्ता लेखक आदि का परिचायक है। शनि और बुध आपस में मित्र ग्रह हैं इस तरह 8 और 5का अंक मोदी जी के लिए शुभ प्रभाव देने वाला वाला है ।26 मई 2014 को मोदी जी ने प्रधान मंत्री भारत सरकार का पद भार संभाल लिया है । यहाँ मूलांक 8 की भूमिका स्पष्ट है। शनि का यह अंक भारत को तकनीकि विकास में सहायता प्रदान करेगा।लौह उद्योग कोयला उद्योग लौह प्रतिष्ठान भारतीय रेल आदि शनि से सम्बन्धित विभाग मोदी के कार्यकाल में बुलंदियों को छूने में कामयाब होंगे । शनि न्याय का ग्रह कहा जाता है। अत: मोदी के कार्यकाल में बड़ा परिवर्तन भी देखने को मिलेंगा । बहुत सारे कानूनों में फेर बदल किये जायेंगे।भ्रष्टाचार मुक्त होकर भारतीय न्याय पालिका गर्वान्वित होगी।
      मोदी जी दिनांक 30-11-2011से दिनांक 30-11-2021 तक चन्द्रमा की महादशा को भोग रहे हैं। चंद्रमा भाग्य का स्वामी होकर केन्द्र में लग्नस्थ है । भाग्येश चन्द्रमा की दशा मोदी जी के जीवन का स्वर्णिम काल है।  भाग्येश चंद्रमा की महादशा में राहू की अन्तर्दशा में शुक्र की प्रत्यंतर दशा  में मोदी जी प्रधान मंत्री पद पर आसीन हुए। राहु त्रिकोण में बैठ कर पंचमेश बन कर प्रबल कारक की भूमिका में आ जाता है । रहू केतु की कोई अपनी राशि नहीं होती अत: ये जिस भाव में होते हैं उनके स्वामी जैसी भूमिका निभाते हैं । यहाँ राहु पंचमेश की भांति ही कार्य कर रहा है । शुक्र भी राज्य पद सत्ता के भाव में कर्म भाव का स्वामी होकर उपस्थित है ।अंतत: स्पष्ट है कि मोदी जी अपने द्वारा किये गये वादों को पूरा करने में कामयाब होंगे। देश का भविष्य योग्य हाथों में है इसमें भारतीय ज्योतिष के अनुसार कोई संशय नजर नही आता है ।

             -  पं. नवीन मणि त्रिपाठी
            जी वन /28 अर्मापुर स्टेट- कानपुर
                 दूरभाष- 9839626686

7 टिप्‍पणियां:

  1. वादे पूरे हों जैसे भी हों ... और मोदी जी में क्षमता है ...

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  2. सुंदर , नवीन भाई धन्यवाद !
    Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
    आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 5 . 9 . 2014 दिन शुक्रवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !

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  3. मैं आपकी तमाम स्थापनाओं से सहमत नहीं हूं। जिस व्यक्ति का सामान्य ज्ञान इतना अधिक हास्यास्पद हो, उसकी वाक-पटुता से कोई कैसे प्रभावित हो सकता है? नरेंद्र मोदी ने हमेशा असत्य भाषण किया है। वे ऐसे संगठनों के कार्यकर्त्ता हैं, जिनका काम केवल देश में सांप्रदायिकता फैलाना, पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा कर अधिक से अधिक पैसा कमाना, संगठन में भ्रष्टाचारियों को उच्चतम पदों पर स्थापित करना आदि है। उनकी कथनी और करनी में भयंकर अंतर है, और यही अंतर अंततः स्वयं उनके और भाजपा के पतन का कारण बनेगा। अनुराधा नक्षत्र के द्वितीय चरण में जन्म लेने वाले जातक स्वभावतः नीच विचारों वाले, मन में शत्रुता छिपा कर रखने वाले और माता-पिता और अन्य बुज़ुर्गों के प्रति निरंतर अकृतज्ञ रहने वाले भी होते हैं। स्त्रियों के लिए उनके मन में शत्रुता-भाव होता है और वास्तव में, उनकी प्रकृति अत्यंत कामुक होती है, जिसे वे अक्सर छुपाए रखने में सफल होते हैं। यदि इस कुंडली में बुधादित्य योग न होता तो वे इस समय जेल में भी हो सकते थे ।

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    1. भाई मेरा लेख उनके वादों पर केन्द्रित है न कि उनके व्यक्तिगत जीवन की समीक्षा पर। मैंने वही लिखा है जो ज्योतिषीय सिद्धांत कहते हैं ।

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  4. इसमें कोई दो राय नहीं है की जो कुंडली आप मोदी जी की बता रहे है वो मजबूत कुंडली है।लग्नेश लग्न में हो अआयेश भी आय भाव में हो। साधारण सी बात है 2 स्व ग्रही जिसमे भी होगा वो सामान्य से बेहतर होगा।इसमें कोई विद्वता नहीं है। 3sep1980 समय 12 बजकर 6मिनट दोपहर में स्थान आजमगढ़ यूपी। आप बताये नवीन जी जातक जिसकी डीइटैल है वो। भी वृश्चिक लग्न का है। आप बस इतना बता दे की जातक क्या कर ता होगा। ज्योतिष एक ऐसा खेल है जो इंसान को भुलावे में रखता है। आप सोच भी नहीं सकते की आज जयोतिष के बिकृत रूप ने समाज का कितना ननुकसान किया है।कर्मवाद को बढ़ावा दे नवीन जी भग्यवाद को नहीं। नम्र निवेदन

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    1. प्रिय बन्धु मेरा कार्य आपको सहमत करना नहीं है । रहा सवाल कुंडली की व्यख्या का तो मैं कामर्शियल होना पसंद नहीं करता परंतु आपके लिए 5001 फीस
      निर्धारित है मेरे तरफ से । आजमगढ़ का
      समाज वाद मुबारक हो आपको । यादव बाहुल्य इलाके में ज्योतिष जैसी विद्याए
      सदैव अर्थहीन ही रहेंगी ।

      क्षमा करें अज्ञानियों के लिए
      मेरे आलेख नहीं होते । पुनः आपके किसी
      कुतर्क का जबाब दे पाना मेरे लिए
      संभव नहीं होगा ।

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