तीखी कलम से

बुधवार, 2 मार्च 2016

जे एन यू को समर्पित कुछ दोहे

जे एन यू से  मिल  गया  भारत  को  पैगाम।
छिपे  हुए  हैं मुल्क में  कितने नमक  हराम ।।

स्वायत्तता  के   नाम  वे  पोष   रहे  आतंक ।
चैनल के इस  कृत्य से लगा  देश  को डंक ।।

देशद्रोह  के  पक्ष  में  राजनीति  जब  होय ।
समझो दुर्दिन राष्ट्र का इससे  बड़ा  न कोय।।

उस विद्यालय मत पढ़ो जस जे एन यूं होय ।
राष्ट्र  द्रोह  के पाठ से  माँ   का  टुकडा होय ।।

हिन्द के दुश्मन हिन्द में फलते और फुलाय ।
बामपंथ के आड़ में देश का  चालत  जाय ।।

अफजल  की  जय बोलते भारत  के गद्दार ।
कैसी   शिक्षा  मिल  रही जे एन यू  के  द्वार ।।

शिक्षक   भी   गद्दार    हैं   चेले   भी   गद्दार ।
भ्र्ष्ट    प्रशासन    मौन   है  फैला   भ्रष्टाचार ।।

जे एन यू  अब  बन्द  हो  बन्द करो अपमान ।
दुश्मन  सारे पस्त  हों  तभी  हिन्द  की शान ।।

                                            -नवीन

1 टिप्पणी:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (04-03-2016) को "अँधेरा बढ़ रहा है" (चर्चा अंक-2271) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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