तीखी कलम से

गुरुवार, 12 अक्टूबर 2017

ग़ज़ल - वह मुहब्बत में फ़ना हो जाएगा

2122 2122 212
मत  कहो हमसे  जुदा  हो  जाएगा ।
वह  मुहब्बत  में  फ़ना हो  जाएगा ।।

इश्क  के  इस दौर में दिल आपका ।
एक  दिन  मेरा   पता  हो  जाएगा ।।

धड़कनो   के   दरमियाँ  है  जिंदगी ।
धड़कनो का सिलसिला हो जाएगा ।।

इस  तरह  उसने  निभाई  है कसम ।
वह   हमारा    देवता   हो  जाएगा ।।

ऐ   दिले  नादां  न  कर  मजबूर  तू ।
वो  मेरी ज़िद पर ख़फ़ा हो जाएगा ।।

पत्थरो को  फेंक कर  तुम  देख लो ।
आब  का  ये कद  बड़ा हो जाएगा ।।

मत निकलिए इस तरह से बेनकाब ।
फिर  चमन में  हादसा  हो  जाएगा ।।

अब अना से बढ़  रहीं  नज़दीकियां ।
रहमतों   से   फ़ासला  हो  जाएगा ।।

                  -- नवीन मणि त्रिपाठी

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