तीखी कलम से

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जी हाँ मैं आयुध निर्माणी कानपुर रक्षा मंत्रालय में तकनीकी सेवार्थ कार्यरत हूँ| मूल रूप से मैं ग्राम पैकोलिया थाना, जनपद बस्ती उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ| मेरी पूजनीया माता जी श्रीमती शारदा त्रिपाठी और पूजनीय पिता जी श्री वेद मणि त्रिपाठी सरकारी प्रतिष्ठान में कार्यरत हैं| उनका पूर्ण स्नेह व आशीर्वाद मुझे प्राप्त है|मेरे परिवार में साहित्य सृजन का कार्य पीढ़ियों से होता आ रहा है| बाबा जी स्वर्गीय श्री रामदास त्रिपाठी छंद, दोहा, कवित्त के श्रेष्ठ रचनाकार रहे हैं| ९० वर्ष की अवस्था में भी उन्होंने कई परिष्कृत रचनाएँ समाज को प्रदान की हैं| चाचा जी श्री योगेन्द्र मणि त्रिपाठी एक ख्यातिप्राप्त रचनाकार हैं| उनके छंद गीत मुक्तक व लेख में भावनाओं की अद्भुद अंतरंगता का बोध होता है| पिता जी भी एक शिक्षक होने के साथ साथ चर्चित रचनाकार हैं| माता जी को भी एक कवित्री के रूप में देखता आ रहा हूँ| पूरा परिवार हिन्दी साहित्य से जुड़ा हुआ है|इसी परिवार का एक छोटा सा पौधा हूँ| व्यंग, मुक्तक, छंद, गीत-ग़ज़ल व कहानियां लिखता हूँ| कुछ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होता रहता हूँ| कवि सम्मेलन के अतिरिक्त काव्य व सहित्यिक मंचों पर अपने जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों को आप तक पहँचाने का प्रयास करता रहा हूँ| आपके स्नेह, प्यार का प्रबल आकांक्षी हूँ| विश्वास है आपका प्यार मुझे अवश्य मिलेगा| -नवीन

शनिवार, 10 सितंबर 2016

कब तक खिजाँ का साथ निभाया करेंगे आप

2212 121 122 121 21
चिलमन  तमाम   वक्त   हटाया  करेंगे  आप ।
तश्वीर  महफ़िलों  में   दिखाया  करेंगे   आप ।।

चुप  चाप आसुओं  को  छुपाया  करेंगे  आप ।
कुछ  बात   मशबरे   में   बताया  करेंगे  आप।।

मुझको   मेरे   नसीब  पे  यूं  छोड़िये   जनाब ।
कब तक खिंजां का साथ निभाया करेंगे आप।।

तहज़ीब  मिट चुकी  है जमाने  के आस  पास ।
बुझते  मसाल  को   न   जलाया  करेंगे  आप।।

यह बात  सच  लगी कि मुकद्दर  नही है साथ ।
मेरे   ज़ख़म  पे   ईद    मनाया  करेंगे   आप ।।

आजाद   आसमा   के   परिंदे    हैं  बदजुबान ।
अपना   वजूद   सिर्फ   मिटाया  करेंगे  आप ।।

जब भी  ग़ज़ल  हुई  है  कोई  इश्क था  मुहाल ।
अशआर   सब   हवा  में  उड़ाया  करेंगे आप ।।

कुछ  हसरतों  के नाम  लिखे खत थे जो हुजूर ।
पढ़  पढ़  के  बिस्तरों  में  दबाया  करेंगे   आप।।

                      -- नवीन मणि त्रिपाठी

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