दिल की जज्बातें बयां तरतीब होनी चाहिए ।
नुक्ता चीं की भी सही तहजीब होनी चाहिए ।।
हर तरफ तो धुंध है ,छाया हुआ कुहरा घना ।
कातिलों की बस्तियां करीब होनी चाहिए ।।
शायरों के शेर को करते हैं वो अक्सर फ़ना ।
बच के आये शायरी, नसीब होनी चाहिए ।।
क्यों सहादत माँगते हो उनके रुतबे की भला ।
उनकी हिम्मते जमीर तो गरीब होनी चाहिए ।।
वह कहानी इश्क की, लिखता रहा वर्षों से है ।
ये कहानी भी बड़ी , अजीब होनी चाहिए ।।
गर मुहब्बत है जरूरी, अपनी ही बेगम भली ।
शर्त ये बेगम मेरी, हबीब होनी चाहिए ।।
हर कलम तारीफ लिखती जा रही इस दौर में ।
वह कलम मेरे लिए रकीब होनी चाहिए।।
नवीन
wah! wah!!
जवाब देंहटाएंbaat sach kahdee aapne
जवाब देंहटाएंkaise naa taareef karoon uskee
phir bhee jhooth maanoge agar
to mere bas main nahee
(1) दिल की जज्बातें बयां तरतीब होनी चाहिए ।
जवाब देंहटाएंनुक्ता चीं करने की भी तहजीब होनी चाहिए ।।
(२) हर कलम तारीफ लिखती जा रही इस दौर में ।
वह कलम मेरे लिए रकीब होनी चाहिए।।
उलझन बड़ी है.... !!
(१) तहजीब सिखाने की तारीफ करूँ.... !!
"या"
(२) अपनी आलोचना सुनने की हिम्मत की दाद दूँ.... !!
बेहतरीन, सच ही है।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया गजल ...
जवाब देंहटाएंहर तरफ तो धुंध है ,छाया हुआ कुहरा घना ।
जवाब देंहटाएंकातिलों की बस्तियां करीब होनी चाहिए ।।
उम्दा ग़ज़ल। समय के हालात की सच्ची तस्वीर।
behatareen ghazal sir.. behtareen :)
जवाब देंहटाएंpalchhin-aditya.blogspot.in
वह कहानी इश्क की, लिखता रहा वर्षों से है ।
जवाब देंहटाएंये कहानी भी बड़ी , अजीब होनी चाहिए ।।
कहने का क्या अंदाज़ है..!!
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल।
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल
जवाब देंहटाएं'नसीब होनी चाहिए'
जवाब देंहटाएंवाह ! ! खुबसूरत अंदाज़.
सुन्दर गज़ल...
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई...
बेहतरीन प्रस्तुति है । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंbadhiya p[rastuti
जवाब देंहटाएंवाह!!!!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन गज़ल..
हर शेर लाजवाब..
सादर.
सही है, आलोचना का भी एक कायदा है, एक कोड ऑफ कंडक्ट है- "नुक्ता चीं की भी सही तहजीब होनी चाहिए"। बढ़िया शेर कहे हैं आपने!
जवाब देंहटाएंएकदम दोहों जैसे। सरस,अनुभवजन्य और बोधगम्य भी।
जवाब देंहटाएंगर मुहब्बत है जरूरी, अपनी ही बेगम भली ।
जवाब देंहटाएंशर्त ये बेगम मेरी, हबीब होनी चाहिए ।।
वाह वाह जी क्या तड़का लगाया है. और भी शेर काबिले तारीफ़ हैं.
बधाई इस सुंदर प्रस्तुति के लिये.
sanjidagi ke sath likhi gayi poshida gajal sadhuvad ji
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन !
जवाब देंहटाएंहर पंक्तियाँ लाजबाब !
आभार !
क्यों सहादत माँगते हो उनके रुतबे की भला ।
जवाब देंहटाएंउनकी हिम्मते जमीर तो गरीब होनी चाहिए ।।
waah
bahut bahut hi pasand aai aapki ye sadgi bhari gazal.
जवाब देंहटाएंbadhai----
poonam
वह कहानी इश्क की, लिखता रहा वर्षों से है ।
जवाब देंहटाएंये कहानी भी बड़ी , अजीब होनी चाहिए ।।
आपकी तीखी कलम ने बेहतर अभिव्यक्ति की है ....! एक - एक शब्द भावपूर्ण है ....प्रभावपूर्ण है ..!
अंदाज़ भी अच्छा है,अच्छी है क़लम भी.
जवाब देंहटाएंतारीफ मियां आपकी कर देते हैं हम भी.
नुक्ता चीं की तहज़ीब हो न हो, शायरी के कातिल बहुत मिल जाएंगे:)
जवाब देंहटाएंबहुत खूब नवीन जी,बहुत अच्छी प्रस्तुति,बेहतरीन सुंदर रचना,...
जवाब देंहटाएंMY NEW POST ...कामयाबी...
sabhi chizo ki tahzeeb hona chaiye, usse se hamari respect hoti hai..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना..,खूबसूरत प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपका सवाई सिंह राजपुरोहित
एक ब्लॉग सबका
आज का आगरा
हर शेर लाजवाब...
जवाब देंहटाएंउम्दा रचना |लाजबाब |
जवाब देंहटाएंहर पंक्ति सटीक और अर्थपूर्ण..... सीधे स्पष्ट विचार .....
जवाब देंहटाएंहर कलम तारीफ लिखती जा रही इस दौर में ।
जवाब देंहटाएंवह कलम मेरे लिए रकीब होनी चाहिए।।
दिलकश अंदाज़ बहुत सुन्दर ग़ज़ल .
नवीन जी आपकी यह रचना बहुत ही पसंद आई....
जवाब देंहटाएंआपको हृदय से बधाई.....
नेता- कुत्ता और वेश्या (भाग-2)
हर तरफ तो धुंध है ,छाया हुआ कुहरा घना ।
जवाब देंहटाएंकातिलों की बस्तियां करीब होनी चाहिए ।।
Bahut Khoob.
गर मुहब्बत है जरूरी, अपनी ही बेगम भली ।
जवाब देंहटाएंशर्त ये बेगम मेरी, हबीब होनी चाहिए ।।
वाह!
नवीन जी आपकी शायरी है जबरदस्त
आपके हर शेर की तारीफ़ होनी चाहिये.
मेरे ब्लॉग पर आपके आने का बहुत बहुत आभार जी.
वह कहानी इश्क की, लिखता रहा वर्षों से है ।
जवाब देंहटाएंये कहानी भी बड़ी , अजीब होनी चाहिए ।।
.............बहुत खूब!!
बेहतरीन सुन्दर ग़ज़ल !!
वाह
जवाब देंहटाएंबहूत हि बढीया
बेहतरीन गजल है :-)
हर तरफ तो धुंध है ,छाया हुआ कुहरा घना ।
जवाब देंहटाएंकातिलों की बस्तियां करीब होनी चाहिए ।।
हर शेर सामाजिक सरोकार लिए ... बहुत ही लाजवाब गज़ल है ... सोचने को विवश करती है ...
वाह.... हरेक शेर काबिल-ए-तारीफ़ है....
जवाब देंहटाएंसाभार
शालिनी