हे कृष्ण ,
कब होगा आपका जन्म ?
विकसित हो चुका है अधर्म।
हर ओर त्राहिमाम …… ,
भ्रष्टाचार बे लगाम ,
भक्तों की थाली से दाल, सब्जी, प्याज
सब कुछ गायब हो चुका है।
रुपये का अवमूल्यन ,
अब डालर उछल चुका है।
राजनीति का स्तर रसातल में है।
नरभक्षी मजहबी वायरस अब धरातल में है।
अब तो चीरहरण आम हो गया है ,
अभिशप्त नारी जीवन संग्राम बन गया है।
कहाँ हो सुदर्शन चक्रधारी ?
रोज पुकारती है तुम्हें
आओ कान्हा, धरा सुबकती।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंद्वापर नहीं जो कान्हा आएंगे
यहाँ हर नर को खुद सुदर्शन-चक्र उठाना होगा
और हर नारी को दुर्गा बन त्रिशूल चलाना होगा
हार्दिक शुभकामनायें
बहुत जल्द ही उन्हें अवतरित होने की ज़रूरत है. बहुत बढ़िया लिखा है.
जवाब देंहटाएंसब कुछ भगवान भरोसे ही है ... न जाने कब अवतरित होंगे भगवान ...
जवाब देंहटाएंअब बहुत हो चुका …।
जवाब देंहटाएंप्रकट हो जाओ !
मानवता ,संस्कृति ,सभ्यता को बचाओ।
हे कृष्ण
फिर से कोई महाभारत ना हो जाये ,
आओ भारत की स्मिता को बचाओ।
सुंदर सृजन लाजबाब पंक्तियाँ ,,,
RECENT POST : सुलझाया नही जाता.
नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (25-08-2013) के चर्चा मंच -1348 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंफिर से कोई महाभारत ना हो जाये ,
जवाब देंहटाएंआओ भारत की स्मिता को बचाओ।|
हे कृष्णा अब जल्दी आओ....
बहुत सुन्दर ल्लाजवाब रचना..
जवाब देंहटाएंमानवता ,संस्कृति ,सभ्यता को बचाओ।
जवाब देंहटाएंहे कृष्ण
फिर से कोई महाभारत ना हो जाये ,
आओ भारत की स्मिता को बचाओ।
बहुत अच्छी रचना
latest post आभार !
latest post देश किधर जा रहा है ?
वाह बहुत तीखी नोंक है आपकी कलम की ...
जवाब देंहटाएंपहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ पर इस मिर्ची का स्वाद भा गया है :)
पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सभी को श्री कृष्णजन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन कृष्ण जन्म सबकी अंतरात्मा में हो मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
हे कृष्ण ,
कब होगा आपका जन्म ?
विकसित हो चुका है अधर्म।
हर ओर त्राहिमाम ……
भ्रष्टाचार बे लगाम
अब तो आओ...
:)
वर्तमान संदर्भों को ले'कर कही गई सुंदर रचना के लिए साधुवाद