गोलियों से तेरे जज्बात को हम फोड़ सकते हैं ।
बमो से हम तेरी औकात को भी तोल सकते हैं।।
ऐ मसरत जेल में सड़ के ही मरना है तेरी फितरत।
हम सुबहो शाम जूतों से तेरा मुह तोड़ सकते हैं ।।
देश द्रोही सजा ए मौत का हकदार अब तू है ।
जो गद्दारी लिए फिरता वतन का भार अब तू है।।
ये फांसी का तखत है देख ले पहचान ले ढंग से ।
जिंदगी बच नही सकती यहाँ दिन चार अब तू है ।।
जो बैठे हैं तेरे आँका उन्हें इतना बता देना ।
बाप की है नहीं जागीर ये कश्मीर कह देना।।
अगर दम है तो गीदड़ की तरह छुपते भला क्यों हैं।
नजर आते नहीं है क्यों खड़ा हूँ तानकर सीना ।।
भूल जाना यहां कश्मीर अब लाहौर मेरा है ।
बलूचिस्तान में जा देख ले माहौल मेरा है ।।
जो बाकी है बचा कश्मीर वो मेरी अमानत है।
जला दूंगा तुझे जिन्दा ये जिन्दा बोल मेरा है।।
बमो से हम तेरी औकात को भी तोल सकते हैं।।
ऐ मसरत जेल में सड़ के ही मरना है तेरी फितरत।
हम सुबहो शाम जूतों से तेरा मुह तोड़ सकते हैं ।।
देश द्रोही सजा ए मौत का हकदार अब तू है ।
जो गद्दारी लिए फिरता वतन का भार अब तू है।।
ये फांसी का तखत है देख ले पहचान ले ढंग से ।
जिंदगी बच नही सकती यहाँ दिन चार अब तू है ।।
जो बैठे हैं तेरे आँका उन्हें इतना बता देना ।
बाप की है नहीं जागीर ये कश्मीर कह देना।।
अगर दम है तो गीदड़ की तरह छुपते भला क्यों हैं।
नजर आते नहीं है क्यों खड़ा हूँ तानकर सीना ।।
भूल जाना यहां कश्मीर अब लाहौर मेरा है ।
बलूचिस्तान में जा देख ले माहौल मेरा है ।।
जो बाकी है बचा कश्मीर वो मेरी अमानत है।
जला दूंगा तुझे जिन्दा ये जिन्दा बोल मेरा है।।
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