तेरी पाजेब की घुघरू ने दिल से कुछ कहा होगा.|
लबों ने बंदिशों के शख्त पहरों को सहा होगा ||
यहाँ गुजरी हैं रातें किस कदर पूछो ना तुम हम से |
तसव्वुर में तेरी तश्वीर का हाले बयाँ होगा ||
यहाँ ढूढ़ा वहाँ ढूँढा ना जाने किस जहाँ ढूँढा |
किसी बेदर्द हाकिम से गुनाहों की सजा ढूँढा ||
वफाओं के परिंदे उड़ गये हैं इस जहाँ से अब |
जालिमों के चमन में मैंने कातिल का पता ढूँढा ||
शमाँ रंगीन है फिर से गुले गुलफाम हो जाओ |
मोहब्बत के लिए दिल से कभी बदनाम हो जाओ ||
चुभन का दर्द कैसा है जख्म तस्लीम कर देगा ||
वक्त की इस अदा पे तुम भी कत्ले आम हो जाओ ||
ये साकी की शराफत थी जाम को कम दिया होगा |
तुम्हारी आँख की लाली को उसने पढ़ लिया होगा ||
बहुत खामोशियों से मत पियो ऐसी शराबों को |
छलकती हैं ये आँखों से कलेजा जल गया होगा ||
लबों ने बंदिशों के शख्त पहरों को सहा होगा ||
यहाँ गुजरी हैं रातें किस कदर पूछो ना तुम हम से |
तसव्वुर में तेरी तश्वीर का हाले बयाँ होगा ||
यहाँ ढूढ़ा वहाँ ढूँढा ना जाने किस जहाँ ढूँढा |
किसी बेदर्द हाकिम से गुनाहों की सजा ढूँढा ||
वफाओं के परिंदे उड़ गये हैं इस जहाँ से अब |
जालिमों के चमन में मैंने कातिल का पता ढूँढा ||
शमाँ रंगीन है फिर से गुले गुलफाम हो जाओ |
मोहब्बत के लिए दिल से कभी बदनाम हो जाओ ||
चुभन का दर्द कैसा है जख्म तस्लीम कर देगा ||
वक्त की इस अदा पे तुम भी कत्ले आम हो जाओ ||
ये साकी की शराफत थी जाम को कम दिया होगा |
तुम्हारी आँख की लाली को उसने पढ़ लिया होगा ||
बहुत खामोशियों से मत पियो ऐसी शराबों को |
छलकती हैं ये आँखों से कलेजा जल गया होगा ||
नवीन
भाई नवीन जी आपसे आपके ब्लॉग से और आपकी रचनाओं से परिचय अच्छा लगा |
जवाब देंहटाएंबहुत खामोशियों से मत पियो ऐसी शराबों को |
जवाब देंहटाएंछलकती हैं ये आँखों से कलेजा जल गया होगा ||
वाह! खूबसरत मुक्तक...
सादर बधाई नवीन भाई जी...
बहुत सुन्दर भवपूर्ण रचना...वाह!...बधाई
जवाब देंहटाएंशमाँ रंगीन है फिर से गुले गुलफाम हो जाओ |
जवाब देंहटाएंमोहब्बत के लिए दिल से कभी बदनाम हो जाओ ||
चुभन का दर्द कैसा है जख्म तस्लीम कर देगा ||
वक्त की इस अदा पे तुम भी कत्ले आम हो जाओ ||
sunder bhav
badhai aapko
rachana
aapka lekhan me kuchh kam nahi hai apne pariwar se. sunder abhivyakti.
जवाब देंहटाएंये साकी की शराफत थी जाम को कम दिया होगा |
जवाब देंहटाएंतुम्हारी आँख की लाली को उसने पढ़ लिया होगा ||
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ... सुंदर ,प्रभावित करती पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंभावों से नाजुक शब्द......बेजोड़ भावाभियक्ति....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति ,बधाई
जवाब देंहटाएंBadhiya prastuti.
जवाब देंहटाएंNice lines. :)
जवाब देंहटाएंये साकी की शराफत थी जाम को कम दिया होगा |
जवाब देंहटाएंतुम्हारी आँख की लाली को उसने पढ़ लिया होगा ||
बहुत खामोशियों से मत पियो ऐसी शराबों को |
छलकती हैं ये आँखों से कलेजा जल गया होगा ||
वाह, वाह ,वाह !!!!हसीन तरीन लाजवाब, बेमिसाल