मीत बन के कहानी बुनो तो सही |
तुम हृदय से हृदय में घुलो तो सही ||
स्वर जगा दूंगा होठों से सरगम का मै|
बांसुरी बन के मुझको मिलो तो सही ||
पुष्प राहों में तेरे बिखर जायेंगे |
दो कदम साथ मेरे चलो तो सही ||
तार उलझे हुए जो सुलझ जायेंगे |
जिन्दगी की लिए तुम ढलो तो सही ||
कब तलक बर्फ बन के जमोगे यहाँ ?
इस प्रणय अग्नि में कुछ गलो तो सही ||
जिन्दगी के अंधेरों से लड़ लूँगा मैं |
एक बाती की लव बन जलो तो सही ||
-नवीन
तुम हृदय से हृदय में घुलो तो सही ||
स्वर जगा दूंगा होठों से सरगम का मै|
बांसुरी बन के मुझको मिलो तो सही ||
पुष्प राहों में तेरे बिखर जायेंगे |
दो कदम साथ मेरे चलो तो सही ||
तार उलझे हुए जो सुलझ जायेंगे |
जिन्दगी की लिए तुम ढलो तो सही ||
कब तलक बर्फ बन के जमोगे यहाँ ?
इस प्रणय अग्नि में कुछ गलो तो सही ||
जिन्दगी के अंधेरों से लड़ लूँगा मैं |
एक बाती की लव बन जलो तो सही ||
-नवीन
अरे वाह बहुत ख़ूबसूरत ग़ाज़ल लिखी है आपने त्रिपाठी जी!
जवाब देंहटाएंwah tripathi ji kya khoob likha
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत रचना.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंस्वर जगा दूंगा होठों से सरगम का मै|
जवाब देंहटाएंबांसुरी बन के मुझको मिलो तो सही ||
जिन्दगी के अंधेरों से लड़ लूँगा मैं |
एक बाती की लव बन जलो तो सही ||
बहुत सुन्दर गज़ल
bhaut khubsurat rachna...
जवाब देंहटाएंसहज प्रवाह ...
जवाब देंहटाएंबधाई और शुभकामनायें स्वीकार करें !
सुंदर भावाभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंआपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा दिनांक 05-12-2011 को सोमवारीय चर्चा मंच पर भी होगी। सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंस्वर जगा दूंगा होठों से सरगम का मै|
जवाब देंहटाएंबांसुरी बन के मुझको मिलो तो सही ||
बेहतरीन गज़ल
इस पोस्ट पर मैंने पहले भी टिप्पणी भेजी थी किन्तु उसे यहाँ न देख फिर से टिप्पणी भेज रही हूँ
जिन्दगी के अंधेरों से लड़ लूँगा मैं |
जवाब देंहटाएंएक बाती की लव बन जलो तो सही ||
नवीन जी ,
आपके मन से निकले उदगार बहुत ही सुंदर हैं । मेरी कामना है कि आप निरंतर लिखते रहें । मेरे नए पोस्ट पर आपका आमंत्रण है । धन्यवाद ।
मीत बन के कहानी बुनो तो सही | bahut sundar ...
जवाब देंहटाएंअच्छी गज़ल नवीन भाई जी...
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...
तार उलझे हुए जो सुलझ जायेंगे |
जवाब देंहटाएंजिन्दगी की लिए तुम ढलो तो सही ||
kamal ati sunder
badhai
aapki sari kavitaye ham pdh lenge
जवाब देंहटाएंaap yoon hi likhte rahiye to sahi....
umda prastuti
इस पोस्ट के लिए धन्यवाद । मरे नए पोस्ट :साहिर लुधियानवी" पर आपका इंतजार रहेगा ।
जवाब देंहटाएंनाम राशि जी, नमस्कार। आप के ब्लॉग पर आज घुमक्कड़ी की। रचनाधर्मिता के प्रति आप का समर्पण सराहनीय है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंप्यारी रचना.
सादर.
बहुत दिनों के बाद आप दिखीं ,लेकिन आपके पोस्ट-ब्लॉग नहीं दिख रहे .... ??
हटाएंआप के मन-मुराद पूरे हो
जवाब देंहटाएंसंग्रहनीय रचना
शुभकामनायें !!
wonderful!!!!
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