नवीन मणि त्रिपाठी
मैं इस देश की जनता का ,
सुरक्षा कवच हूँ |
भोले भले लोगों की अच्छी खासी
समझ हूँ |
दिन -रात लोगों की भलाई के दौड़ता हूँ |
जरुरत पड़ने पर हड्डियाँ तोड़ता हूँ |
निर्दोषों से भी रूपया ऐठता हूँ |
ना देने पर कानून में लपेटता हूँ |
आप की सेवा के लिए आप का पहरेदार हूँ |
अरे भाई ! अब नहीं समझे ?"
मैं कोई और नहीं ,
मै आपका थानेदार हूँ |
मैं आपका थानेदार हूँ ||
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व्यवसाय से मेरा अच्छा
रिश्ता है ,
मेरी दूकान में कुछ महागा
कुछ सस्ता है |
फुर्सत मिले तो,
मेरे सो रूम में आइये |
आपने जरूरत की ,
सारी चीजें ले जाइये |
मसलन .....हत्या बलात्कार
व राहजनी को अपनाइए |
बदले में थोड़ी कीमत चुकाइए |
दस प्रतिशत अधिक टैक्स देने पर
कानून से सुरक्षित रहने का
गारंटी पत्र पाइए |
आपकी सेवा के लिए मै ,
बिलकुल तैयार हूँ |
हाँ बिलकुल ठीक जाना ....
मैं आपका थानेदार हूँ |
मै आपका थानेदार हूँ ||
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हम आपकी सेवा के लिए
सदैव तत्पर दिखते हैं |
मेरे व्यवसाय के शेयर,
मार्केट में बिकते हैं |
मेरे शेयर की मार्केट वैलू,
एक महीने में दस गुना हो जाती है |
देखते ही देखते किस्मत बदल जाती है |
मेरी बेब साईट में सीक्रेट फोल्डर हैं |
राज नेता तो मेरा बड़ा शेयर होल्डर है |
कला बाजारी एस्मग्लिंग फंड ,
की मार्केट तेज है |
इसमे पैसा लगाने में कुछ नहीं गुरेज है |
फार्म उपलब्ध हैं ले जाइये |
अपनी मन पसंद स्कीम में पैसा लगाइए |
अपनी कंपनी के लिए ,
आप से सहयोग का हक़दार हूँ |
समझ गये ना ....!
मैं आप का थानेदार हूँ |
मैं आप का थानेदार हूँ ||
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मेरे सो रूम में आइये ,
आर्थिक मंदी का लाभ उठाइए |
डकैती हत्या बलात्कार पर ,
पचीस प्रतिशत की छूट है|
अपहरण छेड़खानी और जाली नोटों पर ,
लूट ही लूट है |
अवैध गाँजा शराब जुवाखोरी व चकलाघर,
पर विशेष स्कीम है |
रेट लिस्ट के लिए दीवान जी मुनीम है |
अगर आप को कोई घर या जमीन कब्ज़ा करना है |
अथवा शहर में कोई दंगा करना है |
तो इसका टैक्स थोडा ज्यादा पड़ता है |
क्यों की इसमें तो पुलिस वाला भी मरता है |
इसके ग्राहक तो हमारे पार्टनर नेता हैं |
सीधे साधे समाज के प्रणेता हैं |
आप की सेवाओं के लिए ,
मैं काफी दमदार हूँ ,
सोच ले भाई .....
मैं आप का थाने दार हूँ |
मैं आप का थानेदार हूँ ||
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मेरी दूकान में हर चीज बिकती है |
शो रूम की आखिरी लाइन
कुछ खास दिखती है |
यकीन नहीं तो यकीन हो जायेगा
तुम्हारा भ्रम सत्त्यता में विलीन हो जायेगा|
देखो ! ये है फर्जी अन्कौन्टर के सफल रिकार्ड |
प्रोन्नति पाने के स्मार्ट कार्ड |
पचास प्रतिशत का आफर देता हूँ .
बाकी सरकार से कम लेता हूँ|
निर्दोष को क्रिमनल बना देता हूँ |
हर तरफ नाम कमा लेता हूँ |
वैसे मैं बेचने को अपनी आत्मा भी बेचता हूँ
ठीक ठाक खरीदार ढूंढता हूँ |
इमान तो रोज बिकते हैं .
आत्मा के ग्राहक काम मिलते हैं |
मुझे उम्मीद है एक दिन कोई बड़ा ग्राहक |
एक नेता ही आएगा |
मेरी आत्मा को ले जायेगा |
मेरे ही किसी अपने का क़त्ल कराएगा \
धंधे की बातों का मै दानेदार हूँ |
अगर अब भी नहीं समझे .......
तो जल्दी समझ जाओगे |
मैं आपका थानेदार हूं |
मैं आपका थानेदार हूँ ||
कुछ तो मजबूरिया रही होगी यू ही कोई बेवफा नहीं होता. इनका कोई मानवीय पक्छ भी होगा .
जवाब देंहटाएंadarneey shukl ji saprem namaskar
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