मुक्तक -राखी सन्देश
ये बंधन तो तेरी तहजीब की बेहतर निशानी है ।
बहन के मान से बढ़ कर कहाँ ये जिंदगानी है ।।
बचे ना ये दरिन्दे अब ना लटके शाख से बहना ।
ये राखी बांध तो ली है लाज इसकी बचानी है ।।
सपथ रक्षा की लेकर के ,ये राखी बांध लेना तुम ।
मुल्क में हैं तेरी बहनें ,वक्त पर साथ देना तुम ।।
लुटे ना फिर कभी अस्मत ,यहाँ पावन से रिश्तों की ।
सूत्र रक्षा का गर समझो ,तभी फिर हाथ देना तुम ।।
ये मर्यादा की राखी है ,बचन तुझसे भी पाना है ।
उठाकर सर चले भाई ,करम वो कर दिखाना है ।।
ना सूखे आँख का पानी ,बुझे ना दीप इज्जत का।
लाज पर दाग ना आये ,तुम्हें ये घर बचाना है ।।
- नवीन मणि त्रिपाठी
ये बंधन तो तेरी तहजीब की बेहतर निशानी है ।
बहन के मान से बढ़ कर कहाँ ये जिंदगानी है ।।
बचे ना ये दरिन्दे अब ना लटके शाख से बहना ।
ये राखी बांध तो ली है लाज इसकी बचानी है ।।
सपथ रक्षा की लेकर के ,ये राखी बांध लेना तुम ।
मुल्क में हैं तेरी बहनें ,वक्त पर साथ देना तुम ।।
लुटे ना फिर कभी अस्मत ,यहाँ पावन से रिश्तों की ।
सूत्र रक्षा का गर समझो ,तभी फिर हाथ देना तुम ।।
ये मर्यादा की राखी है ,बचन तुझसे भी पाना है ।
उठाकर सर चले भाई ,करम वो कर दिखाना है ।।
ना सूखे आँख का पानी ,बुझे ना दीप इज्जत का।
लाज पर दाग ना आये ,तुम्हें ये घर बचाना है ।।
- नवीन मणि त्रिपाठी
सामयिक और सार्थक सन्देश देते हैं सभी मुक्तक आपके ... राखी के असल महत को समझाते हुए ...बधाई ...
जवाब देंहटाएंआदरणीय नसवा जी विशेष आभार।
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंमुक्तक को चर्चा मंच में सम्मिलत करने के लिए आभार।
राखी की असीम शुभ कामनायें
जवाब देंहटाएंसबको ज़रुरत है आपके एक एक शब्द को आत्मसात करने. सुन्दर सन्देश है आज के परिदृश्य को देखते हुए.
जवाब देंहटाएंबचे ना ये दरिन्दे अब ना लटके शाख से बहना ।
जवाब देंहटाएंये राखी बांध तो ली है लाज इसकी बचानी है ।।
यही हो जज़्बा।
बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति...रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंआप समस्त बंधू का सादर आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन की शुभकामनाएँ !
बहुत खूब ... भाई बहन के रिश्ते उनकी मर्यादा ..राखी का अर्थ .. :) राखी की हार्दिक शुभकामनाये :)
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा रचना और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई..
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा
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