आप सब को नव वर्ष २०१२ पर हार्दिक बधाई देता हूँ | प्रभु की महान अनुकम्पा सदैव आप के साथ रहे तथा नूतन वर्ष में आपकी लेखनी साहित्य सृजन के क्षेत्र में अनवरत अनंत ऊँचाइयों को छूती रहे |
नव वर्ष 2012 आ गया है | मैंने अपनी भावनाओं के माध्यम से अवधी भाषा में मंगल कामना हेतु कुछ छंद समाज के चार वर्गों को समर्पित करने का प्रयास किया है | विश्वास है, आपका स्नेह मेरी रचना के लिए जरूर मिलेगा |
वर्ष २०१२ पर मंगल कामना लिए हुए समाज के चारों वर्गों को समर्पित क्षेत्रीय अवधी भाषा में छंद -
धन धान्य भरै,घर क्लेश मिटै, मिटि जावहि जीवन कै अधियारो |
यहि बारह अंक से ,बारह राशि को, वर्ष मिलै तुमका उजियारो ||
बस प्रीति की पाँखुरी में सगरौ ,तुम मोहक मोहक पंथ निहारो |
लडिके पडिके सब फूलैं फलै ,यही देखि तुम्हारे हों नैन सुखारो ||
निज कर्म के रंग न भंग परै, तुलसी कै बयार बहै नित द्वारो |
माया की माया से दूरि राखें प्रभु ,चंचला गनपति संग पधारो ||
कहत नवीन जौ नूतन साल से, नेह के नवरस पान चखारो |
फूल गुलाब सरीखी खिलै ,होई मंगल मय नव वर्ष तुम्हारो ||
रक्त की बात करौ न सखा , यहि वर्ष कै चाँद भलो अति न्यारो |
जरदारी गिलानी कियानी सबै, मिटि जावहिं आपन पाप के भारो||
बसुधैव कुटुम्ब की ज्योति लई यहि देश की पावन भूमि पुकारो |
नव देश रचौ नव रंग भरौ , नव नीरज के जस वर्ष ऊकारो ||
खटिया - मचिया, कथरी - दउरी ,ड्योढ़ी मा सजै तुम्हरे घर बारो |
बिटिया कै बियाहे कै हेंगा गडै ,नव पाहुन आवै तिहारे वसारो ||
खइरी भइसी कै दूध बढे, बढ़ी जवाहिं पूँछहिं पूँछि मुहारो |
नारिया खपड़ा कै विसारो तनि, यहि साल नवा घर मा सिर डारो ||