जे एन यू से मिल गया भारत को पैगाम।
छिपे हुए हैं मुल्क में कितने नमक हराम ।।
स्वायत्तता के नाम वे पोष रहे आतंक ।
चैनल के इस कृत्य से लगा देश को डंक ।।
देशद्रोह के पक्ष में राजनीति जब होय ।
समझो दुर्दिन राष्ट्र का इससे बड़ा न कोय।।
उस विद्यालय मत पढ़ो जस जे एन यूं होय ।
राष्ट्र द्रोह के पाठ से माँ का टुकडा होय ।।
हिन्द के दुश्मन हिन्द में फलते और फुलाय ।
बामपंथ के आड़ में देश का चालत जाय ।।
अफजल की जय बोलते भारत के गद्दार ।
कैसी शिक्षा मिल रही जे एन यू के द्वार ।।
शिक्षक भी गद्दार हैं चेले भी गद्दार ।
भ्र्ष्ट प्रशासन मौन है फैला भ्रष्टाचार ।।
जे एन यू अब बन्द हो बन्द करो अपमान ।
दुश्मन सारे पस्त हों तभी हिन्द की शान ।।
-नवीन
छिपे हुए हैं मुल्क में कितने नमक हराम ।।
स्वायत्तता के नाम वे पोष रहे आतंक ।
चैनल के इस कृत्य से लगा देश को डंक ।।
देशद्रोह के पक्ष में राजनीति जब होय ।
समझो दुर्दिन राष्ट्र का इससे बड़ा न कोय।।
उस विद्यालय मत पढ़ो जस जे एन यूं होय ।
राष्ट्र द्रोह के पाठ से माँ का टुकडा होय ।।
हिन्द के दुश्मन हिन्द में फलते और फुलाय ।
बामपंथ के आड़ में देश का चालत जाय ।।
अफजल की जय बोलते भारत के गद्दार ।
कैसी शिक्षा मिल रही जे एन यू के द्वार ।।
शिक्षक भी गद्दार हैं चेले भी गद्दार ।
भ्र्ष्ट प्रशासन मौन है फैला भ्रष्टाचार ।।
जे एन यू अब बन्द हो बन्द करो अपमान ।
दुश्मन सारे पस्त हों तभी हिन्द की शान ।।
-नवीन
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (04-03-2016) को "अँधेरा बढ़ रहा है" (चर्चा अंक-2271) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'