221 1222 22 221 1222 22
कुछ वक्त खुदा से माँगा है
जीने के बहाने आए हैं ।
हम प्यार निभाने वाले हैं
हम प्यार निभाने आए हैं ।।
बदनाम न् कर दे फिर कोई
है पाक मुहब्बत पर पहरा ।
दुश्मन हैं बडे मगरूर यहां
तहज़ीब सिखाने आए हैं ।।
चेहरे पे लटकती हैं जुल्फें
आँखों में शरारत होती है ।
जो जख़्म सलामत हैं तुझसे
वह जख्म दिखाने आए हैं ।।
आबाद है ये गुलशन तेरा
आबाद मिला है मैखाना ।
हैं रिन्द बहुत प्यासे प्यासे
अब ज़ाम उठाने आए हैं ।।
ऐतबार मुझे भी था तुझपर
पर यार भरोसा टूट गया ।
जो राज छुपाया था तुमने
वह राज बताने आए हैं ।।
ये गर्म हवाएं साँसों की ,
शम्मा को जला कर रख देंगी ।
हसरत है गजब परवानो की
वो जान गवाँने आए हैं ।।
है नाज़ तुझे गर हुस्न पे तो
इतनी सी अना भी जायज है ।
बाज़ार समझ कर दीवाने
क्यों दाम लगाने आए हैं ।।
मैं याद तुझे भी आऊंगा
इक रात का मेहमाँ था तेरा ।
ग़ज़लों के शबब गीतों का महक
हम छोड़ तराने आए हैं ।।
मशहूर हुए हैं दर्दो सितम
मशहूर हुआ दीवाना पन ।
ऐ इश्क़ हिफाजत में तेरे
क्या क्या वो ज़माने आए हैं ।।
---नवीन मणि त्रिपाठी
कुछ वक्त खुदा से माँगा है
जीने के बहाने आए हैं ।
हम प्यार निभाने वाले हैं
हम प्यार निभाने आए हैं ।।
बदनाम न् कर दे फिर कोई
है पाक मुहब्बत पर पहरा ।
दुश्मन हैं बडे मगरूर यहां
तहज़ीब सिखाने आए हैं ।।
चेहरे पे लटकती हैं जुल्फें
आँखों में शरारत होती है ।
जो जख़्म सलामत हैं तुझसे
वह जख्म दिखाने आए हैं ।।
आबाद है ये गुलशन तेरा
आबाद मिला है मैखाना ।
हैं रिन्द बहुत प्यासे प्यासे
अब ज़ाम उठाने आए हैं ।।
ऐतबार मुझे भी था तुझपर
पर यार भरोसा टूट गया ।
जो राज छुपाया था तुमने
वह राज बताने आए हैं ।।
ये गर्म हवाएं साँसों की ,
शम्मा को जला कर रख देंगी ।
हसरत है गजब परवानो की
वो जान गवाँने आए हैं ।।
है नाज़ तुझे गर हुस्न पे तो
इतनी सी अना भी जायज है ।
बाज़ार समझ कर दीवाने
क्यों दाम लगाने आए हैं ।।
मैं याद तुझे भी आऊंगा
इक रात का मेहमाँ था तेरा ।
ग़ज़लों के शबब गीतों का महक
हम छोड़ तराने आए हैं ।।
मशहूर हुए हैं दर्दो सितम
मशहूर हुआ दीवाना पन ।
ऐ इश्क़ हिफाजत में तेरे
क्या क्या वो ज़माने आए हैं ।।
---नवीन मणि त्रिपाठी
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