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बेसबब वह वफ़ा नहीं करते ।
खत मुझे यूँ तलिखा नहीं करते ।।
है मुहब्बत से वास्ता कोई ।
उसके आँचल उड़ा नहीँ करते ।।
लूट जाते हैं जो मेरे घर को ।
गैर वह भी हुआ नहीं करते ।।
बात कुछ तो जरूर है वर्ना ।
तुम हक़ीक़त कहा नही करते ।।
न्याय बिकता है इस ज़माने में ।
बिन लिए फैसला नही करते ।।
वह गवाही भी बिक गई कब की ।
अब भरोसा किया नही करते ।।
जश्न लिखता हयात को बन्दा ।
जिंदगी से डरा नहीँ करते ।।
है भरोसा जिन्हें यहां खुद पर ।
वह खुदा से दुआ नहीं करते ।।
थोड़ी तहज़ीब भी जरूरी है ।
महफिलों से उठा नहीं करते ।।
और चेहरा खराब होता है ।
दाग ऐसे धुला नहीं करते ।।
पूछिये रात माजरा क्या था ।
यूँ ही काजल बहा नहीं करते ।।
टूट जाये कहीं न् दिल कोई।
इस तरह ख़त लिखा नहीं करते ।।
कुछ तो अय्याशियां रहीं होंगी ।
नाम यूँ ही मिटा नहीं करते ।।
है खुमारी तमाम चेहरे पर ।
कौन कहता नशा नहीं करते ।।
जो हिफ़ाज़त में हुस्न रखते हैं ।
रहजनों से लुटा नहीं करते ।।
--नवीन मणि त्रिपाठी
बेसबब वह वफ़ा नहीं करते ।
खत मुझे यूँ तलिखा नहीं करते ।।
है मुहब्बत से वास्ता कोई ।
उसके आँचल उड़ा नहीँ करते ।।
लूट जाते हैं जो मेरे घर को ।
गैर वह भी हुआ नहीं करते ।।
बात कुछ तो जरूर है वर्ना ।
तुम हक़ीक़त कहा नही करते ।।
न्याय बिकता है इस ज़माने में ।
बिन लिए फैसला नही करते ।।
वह गवाही भी बिक गई कब की ।
अब भरोसा किया नही करते ।।
जश्न लिखता हयात को बन्दा ।
जिंदगी से डरा नहीँ करते ।।
है भरोसा जिन्हें यहां खुद पर ।
वह खुदा से दुआ नहीं करते ।।
थोड़ी तहज़ीब भी जरूरी है ।
महफिलों से उठा नहीं करते ।।
और चेहरा खराब होता है ।
दाग ऐसे धुला नहीं करते ।।
पूछिये रात माजरा क्या था ।
यूँ ही काजल बहा नहीं करते ।।
टूट जाये कहीं न् दिल कोई।
इस तरह ख़त लिखा नहीं करते ।।
कुछ तो अय्याशियां रहीं होंगी ।
नाम यूँ ही मिटा नहीं करते ।।
है खुमारी तमाम चेहरे पर ।
कौन कहता नशा नहीं करते ।।
जो हिफ़ाज़त में हुस्न रखते हैं ।
रहजनों से लुटा नहीं करते ।।
--नवीन मणि त्रिपाठी
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (18-04-2017) को
जवाब देंहटाएं"चलो कविता बनाएँ" (चर्चा अंक-2620)
पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'