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तपन को आजमाना चाहता है ।
समंदर सूख जाना चाहता है ।।
तमन्ना वस्ल की लेकर फिजा में।
कोई मुमकिन बहाना चाहता है ।।
जमीं की तिश्नगी को देखकर अब ।
यहाँ बादल ठिकाना चाहता है ।।
तसव्वुर में तेरे मैंने लिखी थी।
ग़ज़ल जो गुनगुनाना चाहता है ।।
मेरी चाहत मिटा दे शौक से तू ।
तुझे सारा ज़माना चाहता है ।।
मेरी फ़ुरक़त पे है बेचैन सा वो ।
मुझे जो भूल जाना चाहता है ।।
चुभा देता है ख़ंजर पीठ में जो ।
वही मरहम लगाना चाहता है ।।
अदब से दूर जाता एक झोंका ।
कोई आँचल उड़ाना चाहता है ।।
दिखा देना हमारे ज़ख्म उसको ।
वो हम पर मुस्कुराना चाहता है ।।
हवा का रुख पलट जाने से पहले ।
वो मेरा घर जलाना चाहता है ।।
अना के साथ वो हुस्नो अदा से ।
नया सिक्का चलाना चाहता है ।।
-- नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
तपन को आजमाना चाहता है ।
समंदर सूख जाना चाहता है ।।
तमन्ना वस्ल की लेकर फिजा में।
कोई मुमकिन बहाना चाहता है ।।
जमीं की तिश्नगी को देखकर अब ।
यहाँ बादल ठिकाना चाहता है ।।
तसव्वुर में तेरे मैंने लिखी थी।
ग़ज़ल जो गुनगुनाना चाहता है ।।
मेरी चाहत मिटा दे शौक से तू ।
तुझे सारा ज़माना चाहता है ।।
मेरी फ़ुरक़त पे है बेचैन सा वो ।
मुझे जो भूल जाना चाहता है ।।
चुभा देता है ख़ंजर पीठ में जो ।
वही मरहम लगाना चाहता है ।।
अदब से दूर जाता एक झोंका ।
कोई आँचल उड़ाना चाहता है ।।
दिखा देना हमारे ज़ख्म उसको ।
वो हम पर मुस्कुराना चाहता है ।।
हवा का रुख पलट जाने से पहले ।
वो मेरा घर जलाना चाहता है ।।
अना के साथ वो हुस्नो अदा से ।
नया सिक्का चलाना चाहता है ।।
-- नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
महिला रचनाकारों का योगदान हिंदी ब्लॉगिंग जगत में कितना महत्वपूर्ण है ? यह आपको तय करना है ! आपके विचार इन सशक्त रचनाकारों के लिए उतना ही महत्व रखते हैं जितना देश के लिए लोकतंत्रात्मक प्रणाली। आप सब का हृदय से स्वागत है इन महिला रचनाकारों के सृजनात्मक मेले में। सोमवार २७ नवंबर २०१७ को ''पांच लिंकों का आनंद'' परिवार आपको आमंत्रित करता है। ................. http://halchalwith5links.blogspot.com आपके प्रतीक्षा में ! "एकलव्य"
जवाब देंहटाएंआप सभी सुधीजनों को "एकलव्य" का प्रणाम व अभिनन्दन। आप सभी से आदरपूर्वक अनुरोध है कि 'पांच लिंकों का आनंद' के अगले विशेषांक हेतु अपनी अथवा अपने पसंद के किसी भी रचनाकार की रचनाओं का लिंक हमें आगामी रविवार(दिनांक ०३ दिसंबर २०१७ ) तक प्रेषित करें। आप हमें ई -मेल इस पते पर करें dhruvsinghvns@gmail.com
जवाब देंहटाएंहमारा प्रयास आपको एक उचित मंच उपलब्ध कराना !
तो आइये एक कारवां बनायें। एक मंच,सशक्त मंच ! सादर