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गुजर गया वो गली से सदा नहीं देता ।
हमें तो प्यार का सौदा नफा नहीं देता ।।
मैं भूल जाऊं तुझे अलविदा भी कह दूं पर ।
मेरा जमीर मुझे मश्विरा नहीं देता ।।
गवाही देतीं हैं अक्सर ये हिचकियाँ मेरी ।
तू मेरी याद को बेशक मिटा नहीं देता ।।
यकीन कर लें भला कैसे उसकी चाहत पर ।
वो शख्स घर का हमें जब पता नहीं देता ।।
नई नई है जवानी नया नया है बदन ।
मगर वो चाँद से पर्दा हटा नहीं देता ।।
सँभल के चलना जरा शह्र यह अलग सा है।
यहाँ किसी को कोई मश्विरा नहीं देता ।।
अजीब बात है गुलशन में फूल हैं लाखों।
जो दिल को भाया वही गुल खुदा नही देता ।।
बड़े ही नाज़ से आये थे तेरी महफ़िल में ।
मगर तू हमको भी कोई सिला नहीं देता ।।
हो आसमान में सूराख भी बता कैसे ।
तेरा जवाब मुझे हौसला नहीं देता ।।
हमें खबर है अदालत खरीद ली साहिब ।
कोई भी आपको देखो सजा नहीं देता ।।
--नवीन मणि त्रिपाठी
गुजर गया वो गली से सदा नहीं देता ।
हमें तो प्यार का सौदा नफा नहीं देता ।।
मैं भूल जाऊं तुझे अलविदा भी कह दूं पर ।
मेरा जमीर मुझे मश्विरा नहीं देता ।।
गवाही देतीं हैं अक्सर ये हिचकियाँ मेरी ।
तू मेरी याद को बेशक मिटा नहीं देता ।।
यकीन कर लें भला कैसे उसकी चाहत पर ।
वो शख्स घर का हमें जब पता नहीं देता ।।
नई नई है जवानी नया नया है बदन ।
मगर वो चाँद से पर्दा हटा नहीं देता ।।
सँभल के चलना जरा शह्र यह अलग सा है।
यहाँ किसी को कोई मश्विरा नहीं देता ।।
अजीब बात है गुलशन में फूल हैं लाखों।
जो दिल को भाया वही गुल खुदा नही देता ।।
बड़े ही नाज़ से आये थे तेरी महफ़िल में ।
मगर तू हमको भी कोई सिला नहीं देता ।।
हो आसमान में सूराख भी बता कैसे ।
तेरा जवाब मुझे हौसला नहीं देता ।।
हमें खबर है अदालत खरीद ली साहिब ।
कोई भी आपको देखो सजा नहीं देता ।।
--नवीन मणि त्रिपाठी
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