सावन के महीने में सारे पूजी पति लोग आनंद मनाते हैं लेकिन सही मायने में गरीबों के लिए सावन का महीना मुसीबत लेकर आता है । मैंने गरीबों की मुसीबत देखते हुए सावन के महीने पर एक रचना लिखी है ।....................................
मच्छर ने नोच खाया सावन का महीना ।
मैं रात भर खुजाया सावन का महीना ।।
जब गर्म हुआ तड़का कीड़ों ने जम्प मारा ।
मेथी समझ के खाया सावन का महीना ।।
सीवर में घुसा पानी ,ओवर फ्लो हुआ है ।
गिर कर बहुत नहाया सावन का महीना ।।
चू ने लगी है छत तब बरसात तेज आई ।
मुझे रात भर जगाया सावन का महीना ।।
है बढ़ गयी महगाई कहती मेरी लुगाई ।
धंधा बहुत गवांया सावन का महीना ।।
तन मन की आग बेगम जैसे चली बुझाने ।
इक सांप नज़र आया सावन का महीना ।।
बच्चों की जिद पे झूला था डाल पर टँगाया
।
वह पैर तोड़ आया सावन का महीना ।
लकड़ी मिली है भीगी चूल्हा जला न पाया ।
चूहों ने पेट खाया सावन का महीना ।।
डेटिंग पे नही आयी बारिस वजह बताई ।
है वक्त बुरा आया सावन का महीना ।
नवीन
मच्छर ने नोच खाया सावन का महीना ।
मैं रात भर खुजाया सावन का महीना ।।
जब गर्म हुआ तड़का कीड़ों ने जम्प मारा ।
मेथी समझ के खाया सावन का महीना ।।
सीवर में घुसा पानी ,ओवर फ्लो हुआ है ।
गिर कर बहुत नहाया सावन का महीना ।।
चू ने लगी है छत तब बरसात तेज आई ।
मुझे रात भर जगाया सावन का महीना ।।
है बढ़ गयी महगाई कहती मेरी लुगाई ।
धंधा बहुत गवांया सावन का महीना ।।
तन मन की आग बेगम जैसे चली बुझाने ।
इक सांप नज़र आया सावन का महीना ।।
बच्चों की जिद पे झूला था डाल पर टँगाया
।
वह पैर तोड़ आया सावन का महीना ।
लकड़ी मिली है भीगी चूल्हा जला न पाया ।
चूहों ने पेट खाया सावन का महीना ।।
डेटिंग पे नही आयी बारिस वजह बताई ।
है वक्त बुरा आया सावन का महीना ।
नवीन
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 27 जुलाई जुलाई 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंvishesh aabhar
हटाएंvishesh aabhar
हटाएंवाह ... मस्त ग़ज़ल है सावन के महीने की यादें ...
जवाब देंहटाएंsadar naman
हटाएंsadar naman
हटाएंबहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको . कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
जवाब देंहटाएंhttps://www.facebook.com/MadanMohanSaxena
shukriya
हटाएंshukriya
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