*2122 1122 1122 22*
इस तरह अम्न को बर्बाद करेगी दुनिया ।
फिर नए जुर्म को ईजाद करेगी दुनिया ।।
छीन लेती है निवाले भी मेरे बच्चों से ।
कब तलक कर्ज से आज़ाद करेगी दुनियां ।।
जब भी मकसद का शजर बनके नज़र आऊंगा।
मेरी ताक़ीद पे फरियाद करेगी दुनिया ।।
रोज उठता है धुंआ एक कहानी लेकर ।
क्या बताऊँ की किसे याद करेगी दुनिया ।।
है सराफ़त से तेरी बज्म में जीना मुश्किल ।
साफ दामन पे बहुत शाद करेगी दुनिया ।।
कत्ल करने का सलीका भी अजब है यारों ।
हर सही बात पे अपवाद करेगी दुनिया ।।
मुफ़लिसी देख के अपने भी मुकर जाते हैं ।
कौन कहता है कि इमदाद करेगी दुनिया ।।
जख्म देकर के वो मरहम की खबर रखती है ।
लूटकर घर मेरा आबाद करेगी दुनिया ।।
नव निहालों की हथेली में है बारूद बहुत ।
अब तो मासूम को जल्लाद करेगी दुनिया ।।
रोज ऐटम की नयी खेप बना देती है ।
मौत के जश्न पे सम्वाद करेगी दुनिया ।।
नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
कॉपी राइट
इस तरह अम्न को बर्बाद करेगी दुनिया ।
फिर नए जुर्म को ईजाद करेगी दुनिया ।।
छीन लेती है निवाले भी मेरे बच्चों से ।
कब तलक कर्ज से आज़ाद करेगी दुनियां ।।
जब भी मकसद का शजर बनके नज़र आऊंगा।
मेरी ताक़ीद पे फरियाद करेगी दुनिया ।।
रोज उठता है धुंआ एक कहानी लेकर ।
क्या बताऊँ की किसे याद करेगी दुनिया ।।
है सराफ़त से तेरी बज्म में जीना मुश्किल ।
साफ दामन पे बहुत शाद करेगी दुनिया ।।
कत्ल करने का सलीका भी अजब है यारों ।
हर सही बात पे अपवाद करेगी दुनिया ।।
मुफ़लिसी देख के अपने भी मुकर जाते हैं ।
कौन कहता है कि इमदाद करेगी दुनिया ।।
जख्म देकर के वो मरहम की खबर रखती है ।
लूटकर घर मेरा आबाद करेगी दुनिया ।।
नव निहालों की हथेली में है बारूद बहुत ।
अब तो मासूम को जल्लाद करेगी दुनिया ।।
रोज ऐटम की नयी खेप बना देती है ।
मौत के जश्न पे सम्वाद करेगी दुनिया ।।
नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
कॉपी राइट
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 14 जुलाई 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंग़ज़ल में भी यथार्थवाद के दर्शन हो रहे। कमाल का लेखन है। बधाई।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय
हटाएंवाह!!!!
जवाब देंहटाएंलाजवाब....
बहुत सुन्दर..
सादर आभार आदरणीया
हटाएंबेहतरीन लेखन
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया
जवाब देंहटाएं