तीखी कलम से

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जी हाँ मैं आयुध निर्माणी कानपुर रक्षा मंत्रालय में तकनीकी सेवार्थ कार्यरत हूँ| मूल रूप से मैं ग्राम पैकोलिया थाना, जनपद बस्ती उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ| मेरी पूजनीया माता जी श्रीमती शारदा त्रिपाठी और पूजनीय पिता जी श्री वेद मणि त्रिपाठी सरकारी प्रतिष्ठान में कार्यरत हैं| उनका पूर्ण स्नेह व आशीर्वाद मुझे प्राप्त है|मेरे परिवार में साहित्य सृजन का कार्य पीढ़ियों से होता आ रहा है| बाबा जी स्वर्गीय श्री रामदास त्रिपाठी छंद, दोहा, कवित्त के श्रेष्ठ रचनाकार रहे हैं| ९० वर्ष की अवस्था में भी उन्होंने कई परिष्कृत रचनाएँ समाज को प्रदान की हैं| चाचा जी श्री योगेन्द्र मणि त्रिपाठी एक ख्यातिप्राप्त रचनाकार हैं| उनके छंद गीत मुक्तक व लेख में भावनाओं की अद्भुद अंतरंगता का बोध होता है| पिता जी भी एक शिक्षक होने के साथ साथ चर्चित रचनाकार हैं| माता जी को भी एक कवित्री के रूप में देखता आ रहा हूँ| पूरा परिवार हिन्दी साहित्य से जुड़ा हुआ है|इसी परिवार का एक छोटा सा पौधा हूँ| व्यंग, मुक्तक, छंद, गीत-ग़ज़ल व कहानियां लिखता हूँ| कुछ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होता रहता हूँ| कवि सम्मेलन के अतिरिक्त काव्य व सहित्यिक मंचों पर अपने जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों को आप तक पहँचाने का प्रयास करता रहा हूँ| आपके स्नेह, प्यार का प्रबल आकांक्षी हूँ| विश्वास है आपका प्यार मुझे अवश्य मिलेगा| -नवीन

मंगलवार, 28 मार्च 2017

चाँद बहुत शर्मीला होगा

चाँद    बहुत   शर्मीला   होगा ।             
थोड़ा     रंग    रगीला    होगा ।।

 यादों   में  क्यों   नींद  उडी है।         
 कोई   छैल   छबीला   होगा ।।

रेतों   पर   जो शब्द  लिखे  थे ।
डूब   गया   वह   टीला  होगा ।।

ख़ास अदा  पर  मिटने  वालों ।
पथ   आगे    पथरीला   होगा ।।

 जिसने  हुस्न  बचाकर  रक्खा ।                                  हाथ   उसी  का   पीला  होगा ।।

ज़ख़्मी  जाने  कितने  दिल हैं ।
ख़ंजर  बहुत  नुकीला  होगा ।।

मत  उसको  मासूम्  समझना ।
दिलवर  बहुत  हठीला  होगा ।।

 बिछड़ेंगे   जीवन    के   साथी।      
गठबंधन   गर    ढीला   होगा ।।

होश बचाकर  नज़र  मिलाना ।
चेहरा   बड़ा   नशीला   होगा ।।

 ऐ  प्यासे  मत  प्यास  बुझाना ।
यह  पनघट   जहरीला   होगा ।।

22 22 22 22 

           -- नवीन  मणि त्रिपाठी

1 टिप्पणी:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरूवार (30-03-2017) को

    "स्वागत नवसम्वत्सर" (चर्चा अंक-2611)

    पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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