22 22 22 22
मुद्दत से वह ठहरा होगा ।
रिश्ता शायद दिल का होगा ।।
सच कहना था गैर ज़रूरी ।
छुप छुप कर वह रोता होगा ।।
ढूढ़ रहा है तुझको आशिक।
नाम गली में पूछा होगा ।।
इल्म कहाँ था इतना उसको ।
अपना गाँव पराया होगा ।।
चेहरा देगा साफ़ गवाही।
जैसा वक्त बिताया होगा ।।
दाग मिलेगा गौर से देखो ।
परदा अगर उठाया होगा ।।
मैंने उसको याद किया है ।
खत उसका भी आता होगा ।।
यूँ ही कब निकले हैं आँसू ।
दर्द उसे भी होता होगा ।।
आँखें नम दिखतीं हैं सबकी ।
गीत हृदय से गाया होगा ।।
तेज हवा के इन झोकों में ।
इश्क परिंदा उड़ता होगा ।।
टूट रहा हूँ रफ्ता रफ्ता ।
वह भी अब तक रूठा होगा ।।
मिटने वाली बेचैनी है।
चाँद निकलकर आता होगा ।।
मुद्दत से वह ठहरा होगा ।
रिश्ता शायद दिल का होगा ।।
सच कहना था गैर ज़रूरी ।
छुप छुप कर वह रोता होगा ।।
ढूढ़ रहा है तुझको आशिक।
नाम गली में पूछा होगा ।।
इल्म कहाँ था इतना उसको ।
अपना गाँव पराया होगा ।।
चेहरा देगा साफ़ गवाही।
जैसा वक्त बिताया होगा ।।
दाग मिलेगा गौर से देखो ।
परदा अगर उठाया होगा ।।
मैंने उसको याद किया है ।
खत उसका भी आता होगा ।।
यूँ ही कब निकले हैं आँसू ।
दर्द उसे भी होता होगा ।।
आँखें नम दिखतीं हैं सबकी ।
गीत हृदय से गाया होगा ।।
तेज हवा के इन झोकों में ।
इश्क परिंदा उड़ता होगा ।।
टूट रहा हूँ रफ्ता रफ्ता ।
वह भी अब तक रूठा होगा ।।
मिटने वाली बेचैनी है।
चाँद निकलकर आता होगा ।।
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