1212 1122 1212 22
अलग है बात रखा नाम बेवफा मेरा ।
वफ़ा के साथ यकीनन है वास्ता मेरा ।।
मेरे गुनाह का चर्चा है शह्र में काफी ।
तमाम लोग सुनाते हैं वाक्या मेरा ।।
नज़र नज़र से मिली और होश खो बैठा ।
उसे भी याद है उल्फत का हादसा मेरा ।।
वो आसुओं से भिगोते ही जा रहे दामन ।
पढा जो खत है अभी,था वही लिखा मेरा ।
फ़िजा पेआज रकीबों का हो गया पहरा ।
बढ़ा रही हैं हवाएं भी फ़ासला मेरा ।।
गरीब हूँ मैं शिकायतभी क्या करूँ उनकी ।
लड़ेगा कौन रियासत से मुकद्दमा मेरा ।।
अदालतों से मुहब्बत की बात मत कीजै ।
मेरे ज़मीर से होगा ये फैसला मेरा ।।
ये दिल सभाल के रखना,मेरीअमानत है ।
करेंगे याद कभी आप फलसफा मेरा ।।
ज़माना ढूढ रहा है तेरी निशानी को ।
कफ़न उठा के न चेहरा कहीं दिखा मेरा ।।
--नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
अलग है बात रखा नाम बेवफा मेरा ।
वफ़ा के साथ यकीनन है वास्ता मेरा ।।
मेरे गुनाह का चर्चा है शह्र में काफी ।
तमाम लोग सुनाते हैं वाक्या मेरा ।।
नज़र नज़र से मिली और होश खो बैठा ।
उसे भी याद है उल्फत का हादसा मेरा ।।
वो आसुओं से भिगोते ही जा रहे दामन ।
पढा जो खत है अभी,था वही लिखा मेरा ।
फ़िजा पेआज रकीबों का हो गया पहरा ।
बढ़ा रही हैं हवाएं भी फ़ासला मेरा ।।
गरीब हूँ मैं शिकायतभी क्या करूँ उनकी ।
लड़ेगा कौन रियासत से मुकद्दमा मेरा ।।
अदालतों से मुहब्बत की बात मत कीजै ।
मेरे ज़मीर से होगा ये फैसला मेरा ।।
ये दिल सभाल के रखना,मेरीअमानत है ।
करेंगे याद कभी आप फलसफा मेरा ।।
ज़माना ढूढ रहा है तेरी निशानी को ।
कफ़न उठा के न चेहरा कहीं दिखा मेरा ।।
--नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
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