2122 1212 22
अब तो पर्दा उठा दिया जाए ।
ज़ख़्म दिल का दिखा दिया जाए ।।
ऐ समुंदर तेरे लिए दरिया ।
दांव पर क्यूँ लगा दिया जाए ।।
सबकी नीयत खराब देखी है ।
किसको कलमा पढा दिया जाए ।।
ईद का इंतज़ार है उसको ।
बाम पर चाँद ला दिया जाए ।।
ऐ ग़ज़ल तेरे कद्रदानों में ।
नाम मेरा लिखा दिया जाए ।।
ई 0वी एम 0 तो मशीन है यारो।
दोष उस पर मढ़ा दिया जाए।।
बात बढ़ जाये न कहीं ज्यादा ।
मसअला को दबा दिया। जाए ।।
रिन्द की तिश्नगी भी जायज है ।
मैकदे को लुटा दिया जाए ।।
इस कदर हिज्र में वो तड़पा है ।
जैसे नश्तर चुभा दिया जाए ।।
दिल जलाने की है अगर साजिश ।
रूख़ से चिलमन हटा दिया जाए ।।
मौत के बाद रूह की ख्वाहिश ।
पैरहन इक नया दिया जाए ।।
पैरहन - वस्त्र
- नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
चित्र -गूगल से
अब तो पर्दा उठा दिया जाए ।
ज़ख़्म दिल का दिखा दिया जाए ।।
ऐ समुंदर तेरे लिए दरिया ।
दांव पर क्यूँ लगा दिया जाए ।।
सबकी नीयत खराब देखी है ।
किसको कलमा पढा दिया जाए ।।
ईद का इंतज़ार है उसको ।
बाम पर चाँद ला दिया जाए ।।
ऐ ग़ज़ल तेरे कद्रदानों में ।
नाम मेरा लिखा दिया जाए ।।
ई 0वी एम 0 तो मशीन है यारो।
दोष उस पर मढ़ा दिया जाए।।
बात बढ़ जाये न कहीं ज्यादा ।
मसअला को दबा दिया। जाए ।।
रिन्द की तिश्नगी भी जायज है ।
मैकदे को लुटा दिया जाए ।।
इस कदर हिज्र में वो तड़पा है ।
जैसे नश्तर चुभा दिया जाए ।।
दिल जलाने की है अगर साजिश ।
रूख़ से चिलमन हटा दिया जाए ।।
मौत के बाद रूह की ख्वाहिश ।
पैरहन इक नया दिया जाए ।।
पैरहन - वस्त्र
- नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
चित्र -गूगल से
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