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बदले हुए हैं आज के हालात यूँ न जा ।
छलके हैं मेरी आँख से जज़्बात यूँ न जा ।।
शिकवे गिले मिटा ले मुहब्बत के वास्ते ।
अब छोड़ कर तमाम सवालात यूँ न जा ।।
मायूस हों न जाएं कहीं शह्र भर के लोग ।
आएगी कद्रदान की बारात यूँ न जा ।।
माँगा है तुझको मैं ने दुआओं में रात दिन ।
पाया हूँ मुश्किलों से ये लम्हात यूँ न जा ।।
कुछ तो खयाल कर तू खुदा के उसूल पर ।
देकर किसी को हिज्र का सौगात यूँ न जा ।।
खुशबू की तर्ह आया है कुछ देर तो ठहर ।
रुक जा मेरे नसीब से इक रात यूँ न जा ।।
माना कि तेरे हुस्न का जलवा है चाँद पर ।
बस बारहा दिखा के ये औकात यूँ न जा ।।
मुझको भी अपना दर्द बताने का हक़ तो दे ।
पूरी कहाँ हुई है अभी बात यूँ न जा ।।
अम्नो सुकूँ के पास में गुज़रे तो वक्त कुछ ।
बाकी गमों के दौर हैं इफ़रात यूँ न जा ।।
है अब्र को खबर कि जमी पर तपिस बहुत ।
होगी मेरे दयार में बरसात यूँ न जा ।।
ठहरी हुई है रूह तेरे इन्तजार में ।
शायद हो आखिरी ये मुलाकात यूँ न जा ।।
--नवीन मणि त्रिपाठी
बदले हुए हैं आज के हालात यूँ न जा ।
छलके हैं मेरी आँख से जज़्बात यूँ न जा ।।
शिकवे गिले मिटा ले मुहब्बत के वास्ते ।
अब छोड़ कर तमाम सवालात यूँ न जा ।।
मायूस हों न जाएं कहीं शह्र भर के लोग ।
आएगी कद्रदान की बारात यूँ न जा ।।
माँगा है तुझको मैं ने दुआओं में रात दिन ।
पाया हूँ मुश्किलों से ये लम्हात यूँ न जा ।।
कुछ तो खयाल कर तू खुदा के उसूल पर ।
देकर किसी को हिज्र का सौगात यूँ न जा ।।
खुशबू की तर्ह आया है कुछ देर तो ठहर ।
रुक जा मेरे नसीब से इक रात यूँ न जा ।।
माना कि तेरे हुस्न का जलवा है चाँद पर ।
बस बारहा दिखा के ये औकात यूँ न जा ।।
मुझको भी अपना दर्द बताने का हक़ तो दे ।
पूरी कहाँ हुई है अभी बात यूँ न जा ।।
अम्नो सुकूँ के पास में गुज़रे तो वक्त कुछ ।
बाकी गमों के दौर हैं इफ़रात यूँ न जा ।।
है अब्र को खबर कि जमी पर तपिस बहुत ।
होगी मेरे दयार में बरसात यूँ न जा ।।
ठहरी हुई है रूह तेरे इन्तजार में ।
शायद हो आखिरी ये मुलाकात यूँ न जा ।।
--नवीन मणि त्रिपाठी
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