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शमा के पास परवाने रहेंगे ।
तेरी महफ़िल में दीवाने रहेंगे ।।
तुम्हारी शोखियाँ कातिल हुई हैं ।
तुम्हारे खूब अफ़साने रहेंगे ।।
बना देंगे नया इक ताज़ हम भी ।
हमें जब हाथ कटवाने रहेंगे ।।
तुम्हारी बज्म में आता रहूँगा ।
खुले जब तक ये मैखाने रहेंगे ।।
जिसे है फिक्र दौलत की नहीं अब ।
उसी के साथ याराने रहेंगे ।।
तुम्हारी शोखियाँ कातिल हुई हैं ।
तुम्हारे खूब अफ़साने रहेंगे ।।
बड़ा इल्जाम फिर लगने लगा है ।
हजारों जख्म पहचाने रहेंगे ।।
हवाओं में गजब खुशबू है उसकी ।
कहाँ तक लोग अनजाने रहेंगे ।।
चुरा लेते हैं अक्सर लोग दिल को ।
अभी पहरे पे कुछ थाने रहेंगे ।।
हमें है याद उसका हर तरन्नुम ।
हमारे साथ नज़राने रहेंगे ।।
न् जाओ इस तरह से छोड़ कर अब ।
कई कूचे तो वीराने रहेंगे ।।
छलकती मय का जादू जब तलक है।
नज़र के पास मस्ताने रहेंगे ।।
---- नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
कॉपी राइट
शमा के पास परवाने रहेंगे ।
तेरी महफ़िल में दीवाने रहेंगे ।।
तुम्हारी शोखियाँ कातिल हुई हैं ।
तुम्हारे खूब अफ़साने रहेंगे ।।
बना देंगे नया इक ताज़ हम भी ।
हमें जब हाथ कटवाने रहेंगे ।।
तुम्हारी बज्म में आता रहूँगा ।
खुले जब तक ये मैखाने रहेंगे ।।
जिसे है फिक्र दौलत की नहीं अब ।
उसी के साथ याराने रहेंगे ।।
तुम्हारी शोखियाँ कातिल हुई हैं ।
तुम्हारे खूब अफ़साने रहेंगे ।।
बड़ा इल्जाम फिर लगने लगा है ।
हजारों जख्म पहचाने रहेंगे ।।
हवाओं में गजब खुशबू है उसकी ।
कहाँ तक लोग अनजाने रहेंगे ।।
चुरा लेते हैं अक्सर लोग दिल को ।
अभी पहरे पे कुछ थाने रहेंगे ।।
हमें है याद उसका हर तरन्नुम ।
हमारे साथ नज़राने रहेंगे ।।
न् जाओ इस तरह से छोड़ कर अब ।
कई कूचे तो वीराने रहेंगे ।।
छलकती मय का जादू जब तलक है।
नज़र के पास मस्ताने रहेंगे ।।
---- नवीन मणि त्रिपाठी
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