2122 2122 212
दुश्मनी ऐसे निकाली जाएगी ।
बेसबब इज्ज़त उछाली जाएगी ।।
नौकरी मत ढूढ़ तू इस मुल्क में ।
अब तेरे हिस्से की थाली जाएगी ।।
लग रहा है अब रकीबों के लिए ।
आशिकी साँचे में ढाली जाएगी ।।
चाहतें अब क्या सताएंगी उसे ।
जब कोई ख़्वाहिश न पाली जाएगी ।।
इश्क़ गर अंजाम तक पहुंचा नहीं ।
फिर कही उल्फ़त ख़याली जाएगी।।
ऐ खुदा इक दिन तेरे दर पर तो ये ।
जिंदगी बनकर सवाली जाएगी।।
दोस्तों पर कुछ भरोसा है मुझे ।
कैसे कह दूं बात खाली जाएगी ।।
मय की क़िस्मत की ख़बर साकी को है ।
कौन से प्याले में डाली जाएगी ।।
- नवीन मणि त्रिपाठी
दुश्मनी ऐसे निकाली जाएगी ।
बेसबब इज्ज़त उछाली जाएगी ।।
नौकरी मत ढूढ़ तू इस मुल्क में ।
अब तेरे हिस्से की थाली जाएगी ।।
लग रहा है अब रकीबों के लिए ।
आशिकी साँचे में ढाली जाएगी ।।
चाहतें अब क्या सताएंगी उसे ।
जब कोई ख़्वाहिश न पाली जाएगी ।।
इश्क़ गर अंजाम तक पहुंचा नहीं ।
फिर कही उल्फ़त ख़याली जाएगी।।
ऐ खुदा इक दिन तेरे दर पर तो ये ।
जिंदगी बनकर सवाली जाएगी।।
दोस्तों पर कुछ भरोसा है मुझे ।
कैसे कह दूं बात खाली जाएगी ।।
मय की क़िस्मत की ख़बर साकी को है ।
कौन से प्याले में डाली जाएगी ।।
- नवीन मणि त्रिपाठी
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