2122 1212 22
पूछिये मत कि हादसा क्या है ।
पूछिये दिल कोई बचा क्या है।।
दरमियाँ इश्क़ मसअला क्या है।
तेरी उल्फ़त का फ़लसफ़ा क्या है ।।
सारी बस्ती तबाह है तुझसे ।
हुस्न तेरी बता रज़ा क्या है ।।
आसरा तोड़ शान से लेकिन ।
तू बता दे कि फायदा क्या है ।।
रिन्द के होश उड़ गए कैसे ।
रुख से चिलमन सनम हटा क्या है ।।
बारहा पूछिये न दर्दो गम ।
हाले दिल आपसे छुपा क्या है ।।
फूँक कर छाछ पी रहा है वो ।
आदमी दूध का जला क्या है ।।
चाँद दिखता नहीं है कुछ दिन से ।
घर पे पहरा कोई लगा क्या है ।।
अश्क़ उतरे हैं तेरी आंखों में ।
ख़त में उसने तुझे लिखा क्या है ।।
नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
पूछिये मत कि हादसा क्या है ।
पूछिये दिल कोई बचा क्या है।।
दरमियाँ इश्क़ मसअला क्या है।
तेरी उल्फ़त का फ़लसफ़ा क्या है ।।
सारी बस्ती तबाह है तुझसे ।
हुस्न तेरी बता रज़ा क्या है ।।
आसरा तोड़ शान से लेकिन ।
तू बता दे कि फायदा क्या है ।।
रिन्द के होश उड़ गए कैसे ।
रुख से चिलमन सनम हटा क्या है ।।
बारहा पूछिये न दर्दो गम ।
हाले दिल आपसे छुपा क्या है ।।
फूँक कर छाछ पी रहा है वो ।
आदमी दूध का जला क्या है ।।
चाँद दिखता नहीं है कुछ दिन से ।
घर पे पहरा कोई लगा क्या है ।।
अश्क़ उतरे हैं तेरी आंखों में ।
ख़त में उसने तुझे लिखा क्या है ।।
नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
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