क्रिकेट बनाम देश
-- नवीन मणि त्रिपाठी
G 1 / 28 अरमापुर इस्टेट कानपुर
फोन - 09839626686
भारत क्रिकेट के खेल में ,
विश्व चैम्पियन बना .
देश का सम्मान बढ़ा .
२८ वर्षों बाद पूरा हुआ सपना ,
वर्डकप हुआ अपना .
पूरे देश में ऐतिहासिक जश्न मनाया गया .
उद्योग पति से लेकर मजदूर तक में ,
जागृती आयी ,
ख़ुशी के पल में पटाखों को जलाया गया .
रातों रत टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी ,
देश के नायक बन गये .
देश की तकदीर के निर्णायक बन गये .
देश का हर नागरिक आत्म सम्मान से ओत प्रोत हो गया .
सचिन धोनी युवराज से अभिभूत हो गया .
हर गली कूचों व् चौराहों पर,
विश्व विजेता का उफान देखा गया .
ढेरों मिठाइयों जोरदार जुलूस के नारों से,
खिलाडियों का सम्मान देखा गया .
भारत की उन्नति का प्रतीक है क्रिकेट .
सभी ग्यारह खिलाडी हैं देश के विकेट .
देश की खिलाडी क्रीज पर जम कर मैच जीतते हैं ,
तो देश का सर ऊंचा हो जाता है .
यही विकेट जल्दी गिर कर मैच हारते हैं ,
तो देश का सर शर्म से झुक जाता है .
गाँधी सुभाष और भगत सिंह के देश के सर में ,
बी ० सी ० सी ० आई ० की स्प्रिंग लग गयी है .
देश की सोच बदल गयी है .
बी ० सी ० सी ० आई ० की टीम की जीत ,
से सर उठ जाता है .
और हार से सर झुक जाता है .
* * * * * * * *
सर नहीं झुकता अब ,
देश में हो रही हजारों निर्दोषों की हत्त्याओं पर .
देश के भ्रष्टाचारियों के धन से लदे स्विस बैंकों पर .
हजारों किसानों की आत्म हत्याओं पर ,
पडोसी देशों द्वारा कब्ज़ा की हुई जमीनों पर .
हमारे करोड़ पति , अरबपति खिलाडियों ने,
पसीना बहाया है.
देश का मनोरंजन कराया है .
हमारे मंत्री राष्ट्रपति ने मैदान में जाकर,
हौसला बढ़ाया है .
हमारे सेना अध्यक्षों ने,
कर्नल जैसा पद देकर सम्मान बढाया है .
देश की राष्ट्रपति ने उन्हें भोज पर बुलाया .
B.C.C.I. करोड़ों रुपया खिलाडियों पर बरसाया .
अनेक कंपनियों ने.
खिलाडियों को पुरस्कारों से नवाजा .
सबने बनाया उन्हें ख्वाजा .
देश के नायकों ने जलाई ,
पवित्र भारतीय संस्कृति की होली .
महगी शराब शैम्पेन से .,
मैदान में खेली होली .
इन नायकों ने दिखाया ;
देश के युँवाओं को शैम्पेन का असर .
बोतल की ताकत की हो गयी बच्चों में खबर .
दीमक की तरह भारतीय मस्तिष्क को ,
चाट रहा है यह खेल .
बड़ी बड़ी कंपनियों का बढ़ा रहा है सेल .
सब कुछ भूल कर ,
चैन से मजा लेने की क्षमता देता है .
हमारे जननेताओं को ,
क्रिकेट का नशा स्टेडियम में बुला लेता है .
राष्ट्रीय खेल हाकी का तो बुरा हाल है .
कबड्डी कुस्ती खोखो तैराकी सब कुछ बेहाल है .
भारतीय RASHTREEY नेताओं को हम चुनौती दे सकते हैं .
हमे पता है वे क्रिकेट को छोड़ कर किसी अन्य ,
खेल के पाँच खिलाडियों के नाम भी ,
नहीं बता सकते हैं .
राष्ट्रीय शहीदों के बेटों को,
वे कर्नल नहीं बना सकते हैं ,
उनकी बिधवाओं को वे ,
पार्स एरिया बँगलें नहीं बनवा सकते हैं ,
वे भारतीय मुख्य मंत्री हैं .
देश के सन्तरी हैं .
वे क्रिकेट के खिलाडियों का सम्मान करते हैं .
मैदान पर पसीना बहाने वालों को लाखों,
का दान करते हैं .
रोज जब किसी प्रदेश का जवान .
सजोता है भारत का सम्मान .
शहीद बन के ,
भारत माँ की गोदी में सो जाता है .
नहीं दे पाते हैं हम उन्हें ,
क्रिकेट के खिलाडियों जैसा सम्मान .
कहाँ चला जाता है ,
हमारा स्वाभिमान ?
कुछ ही दिनों में ,
हम उन्हें भूल जाते हैं .
बलिदानियों के लिए ,
राष्ट्रीय धर्म का वसूल गवांते हैं ,
शहीदों की विधवाओं और अनाथ बच्चों का ,
कितना हो पता है सम्मान ?
अगर कुछ दे सकते हो ,
तो भारत माँ का मत करो अपमान .
शहीदों के बच्चों व् विधवाओं को ,
उचित सम्मान दिलाओ .
राष्ट्रपति भवन में ,
उन्हें भी भोज पर आमंत्रित कराओ .
अगर तुम मैदान के
शराब के नशेबाजों पर करोड़ों ,
लुटा सकते हो ,
तो देश के शहीदों को,
कैसे भुला सकते हो ?
जाओ प्राश्चित करो ,
उनकी कुर्बानियों को,
याद करो .
उनके परिवार को सम्मान दिलाओ
सचिन और धोनी के बदले ,
उन्हें भी कर्नल व् लेफ्टिनेंट बनाओ .
शायद इतिहास तुम्हें माफ़ कर देगा .
वरना एक बार फिर यही इतिहास,
गुलामी की कालिख से .
तुम्हारा नाम लिख देगा .
राज नीति व् प्रशासन के मेहमानों .
वास्तविक विजेता को पहचानों .
सोच नहीं बदली तो ,
भारत का ज्वलंत परिवेश हो जायेगा.
इस बार चुनाव का मुद्दा भी ,
क्रिकेट बनाम देश हो जायेगा .
क्रिकेट बनाम देश हो जायेगा .
-- नवीन मणि त्रिपाठी
भारत क्रिकेट के खेल में ,
विश्व चैम्पियन बना .
देश का सम्मान बढ़ा .
२८ वर्षों बाद पूरा हुआ सपना ,
वर्डकप हुआ अपना .
पूरे देश में ऐतिहासिक जश्न मनाया गया .
उद्योग पति से लेकर मजदूर तक में ,
जागृती आयी ,
ख़ुशी के पल में पटाखों को जलाया गया .
रातों रत टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी ,
देश के नायक बन गये .
देश की तकदीर के निर्णायक बन गये .
देश का हर नागरिक आत्म सम्मान से ओत प्रोत हो गया .
सचिन धोनी युवराज से अभिभूत हो गया .
हर गली कूचों व् चौराहों पर,
विश्व विजेता का उफान देखा गया .
ढेरों मिठाइयों जोरदार जुलूस के नारों से,
खिलाडियों का सम्मान देखा गया .
भारत की उन्नति का प्रतीक है क्रिकेट .
सभी ग्यारह खिलाडी हैं देश के विकेट .
देश की खिलाडी क्रीज पर जम कर मैच जीतते हैं ,
तो देश का सर ऊंचा हो जाता है .
यही विकेट जल्दी गिर कर मैच हारते हैं ,
तो देश का सर शर्म से झुक जाता है .
गाँधी सुभाष और भगत सिंह के देश के सर में ,
बी ० सी ० सी ० आई ० की स्प्रिंग लग गयी है .
देश की सोच बदल गयी है .
बी ० सी ० सी ० आई ० की टीम की जीत ,
से सर उठ जाता है .
और हार से सर झुक जाता है .
* * * * * * * *
सर नहीं झुकता अब ,
देश में हो रही हजारों निर्दोषों की हत्त्याओं पर .
देश के भ्रष्टाचारियों के धन से लदे स्विस बैंकों पर .
हजारों किसानों की आत्म हत्याओं पर ,
पडोसी देशों द्वारा कब्ज़ा की हुई जमीनों पर .
हमारे करोड़ पति , अरबपति खिलाडियों ने,
पसीना बहाया है.
देश का मनोरंजन कराया है .
हमारे मंत्री राष्ट्रपति ने मैदान में जाकर,
हौसला बढ़ाया है .
हमारे सेना अध्यक्षों ने,
कर्नल जैसा पद देकर सम्मान बढाया है .
देश की राष्ट्रपति ने उन्हें भोज पर बुलाया .
B.C.C.I. करोड़ों रुपया खिलाडियों पर बरसाया .
अनेक कंपनियों ने.
खिलाडियों को पुरस्कारों से नवाजा .
सबने बनाया उन्हें ख्वाजा .
देश के नायकों ने जलाई ,
पवित्र भारतीय संस्कृति की होली .
महगी शराब शैम्पेन से .,
मैदान में खेली होली .
इन नायकों ने दिखाया ;
देश के युँवाओं को शैम्पेन का असर .
बोतल की ताकत की हो गयी बच्चों में खबर .
दीमक की तरह भारतीय मस्तिष्क को ,
चाट रहा है यह खेल .
बड़ी बड़ी कंपनियों का बढ़ा रहा है सेल .
सब कुछ भूल कर ,
चैन से मजा लेने की क्षमता देता है .
हमारे जननेताओं को ,
क्रिकेट का नशा स्टेडियम में बुला लेता है .
राष्ट्रीय खेल हाकी का तो बुरा हाल है .
कबड्डी कुस्ती खोखो तैराकी सब कुछ बेहाल है .
भारतीय RASHTREEY नेताओं को हम चुनौती दे सकते हैं .
हमे पता है वे क्रिकेट को छोड़ कर किसी अन्य ,
खेल के पाँच खिलाडियों के नाम भी ,
नहीं बता सकते हैं .
राष्ट्रीय शहीदों के बेटों को,
वे कर्नल नहीं बना सकते हैं ,
उनकी बिधवाओं को वे ,
पार्स एरिया बँगलें नहीं बनवा सकते हैं ,
वे भारतीय मुख्य मंत्री हैं .
देश के सन्तरी हैं .
वे क्रिकेट के खिलाडियों का सम्मान करते हैं .
मैदान पर पसीना बहाने वालों को लाखों,
का दान करते हैं .
रोज जब किसी प्रदेश का जवान .
सजोता है भारत का सम्मान .
शहीद बन के ,
भारत माँ की गोदी में सो जाता है .
नहीं दे पाते हैं हम उन्हें ,
क्रिकेट के खिलाडियों जैसा सम्मान .
कहाँ चला जाता है ,
हमारा स्वाभिमान ?
कुछ ही दिनों में ,
हम उन्हें भूल जाते हैं .
बलिदानियों के लिए ,
राष्ट्रीय धर्म का वसूल गवांते हैं ,
शहीदों की विधवाओं और अनाथ बच्चों का ,
कितना हो पता है सम्मान ?
अगर कुछ दे सकते हो ,
तो भारत माँ का मत करो अपमान .
शहीदों के बच्चों व् विधवाओं को ,
उचित सम्मान दिलाओ .
राष्ट्रपति भवन में ,
उन्हें भी भोज पर आमंत्रित कराओ .
अगर तुम मैदान के
शराब के नशेबाजों पर करोड़ों ,
लुटा सकते हो ,
तो देश के शहीदों को,
कैसे भुला सकते हो ?
जाओ प्राश्चित करो ,
उनकी कुर्बानियों को,
याद करो .
उनके परिवार को सम्मान दिलाओ
सचिन और धोनी के बदले ,
उन्हें भी कर्नल व् लेफ्टिनेंट बनाओ .
शायद इतिहास तुम्हें माफ़ कर देगा .
वरना एक बार फिर यही इतिहास,
गुलामी की कालिख से .
तुम्हारा नाम लिख देगा .
राज नीति व् प्रशासन के मेहमानों .
वास्तविक विजेता को पहचानों .
सोच नहीं बदली तो ,
भारत का ज्वलंत परिवेश हो जायेगा.
इस बार चुनाव का मुद्दा भी ,
क्रिकेट बनाम देश हो जायेगा .
क्रिकेट बनाम देश हो जायेगा .
-- नवीन मणि त्रिपाठी
बहुत बढ़िया भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन करारा व्यंग....करती बेहतरीन रचना,..नवीन जी होली की बहुत२ बधाई
जवाब देंहटाएंNEW POST...फिर से आई होली...
NEW POST फुहार...डिस्को रंग...
Bahut Karara Vyangya, Srtahak pahal ke liye aapko nahut bahut badhai
जवाब देंहटाएंHoli Ki Hardik Shubkamanye
सन्नाट अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंकरारा व्यंग !
जवाब देंहटाएंहोली की ढेर सारी शुभकामनायें !
बेहतरीन रचना,..नवीन जी होली की बहुत-------------बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार दिल को कचोटती हुई प्रस्तुति है आपकी.
जवाब देंहटाएंतीखी और मार्मिक.
प्रस्तुति के लिए आभार.
होली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ.
सुन्दर प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...होली की शुभकामनाएं....
जवाब देंहटाएंकरारा व्यंग्य करारी धार के साथ !
जवाब देंहटाएंहोली मुबारक
महोदय प्रणाम ,
जवाब देंहटाएंइस काव्य रचना को पढने के बाद नतमस्तक हूँ ! क्या कहे ये बालक शब्द इकट्टा करना मुश्किल है !
बस इतना ही की बहुत अंगारे भरे है ; अब बस आग लगादे हर मन में ! चेतना का प्रकाश, सूरज को भी फीका कर देगा !!
होली की शुभकामनाएँ !!
बहुत खूबसूरत ,सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंआप को सपरिवार होली की शुभ कामनायें .............
"आपका सवाई "
सर नहीं झुकता अब ,
जवाब देंहटाएंदेश में हो रही हजारों निर्दोषों की हत्त्याओं पर .
देश के भ्रष्टाचारियों के धन से लदे स्विस बैंकों पर .
हजारों किसानों की आत्म हत्याओं पर ,
पडोसी देशों द्वारा कब्ज़ा की हुई जमीनों पर .
आपकी कलम की तीखी धार जन चेतना को यूँ ही स्पंदित करती रहें !
शुभकामनाएँ !
क्रिकेट रूपी घुन आज सभी खेलो को एक एक करके लील रहा है .
जवाब देंहटाएंसुन्दर व्यंग्य
लम्बी कविता लिखने में माहिरी हासिल है आपको .बधाई इस विचार कविता के लिए .
जवाब देंहटाएंमेरे विचार से क्रिकेट देश के लिए दीमक बन गया है।
जवाब देंहटाएंबहुत आक्रोश है इस रचना में ... सार्थक चिंतन है आपका ... इस देश को क्रिकेट का बुखार आज दीमक की तरह चाट रहा है और वहाँ राजनीती चल रही है ...
जवाब देंहटाएंtikhi talwaar si kavita....bahut umda
जवाब देंहटाएंtikhi klam ne kafi tikhe tikhe naslon par aawaz uthai hai ...:))
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ....!!
Tikhi klam ne kafi tikhe tikhe maslon par aawaz uthayi hai .....:))
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ....!!
आपकी कलम की तीखी धार जन चेतना को यूँ ही स्पंदित करती रहें !
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ !बहुत सटीक प्रस्तुति.......
MY RESENT POST ...काव्यान्जलि ...:बसंती रंग छा गया,...
सुन्दर, सामयिक और सार्थक पोस्ट, आभार.
हटाएंwaah naveen ji kya vyang mara hai dhire se ..........sunder . yeh cricket to bhagvan se pyara hai ........balle - boll ka to sahara hai , dhire se satte ne ise bhi nigal dala hai .
जवाब देंहटाएंhardik badhai sunder post ke liye
पुनः खुलासे हो रहे, कितने हैं अवधूत |
जवाब देंहटाएंमैच फिक्सिंग के नए, नाच रहे फिर भूत ||
जब वह चौका मारते, और उड़ाते सिक्स |
शंकित मन है सोचता, ये तो ना था फिक्स?
दिल थामे बैठे रहो, कुछ ना कहो जनाब |
मुख से किसके देखिये, उतरे और नकाब ||
mirinda wala jor ka jhatka dheere se..shandaar...taras naa khaao mere haal par mera bhavya ateet...sach hai..behtarin rachna sadar badhayee aaur amantran ke sath
जवाब देंहटाएंbahut hee shandar tareeke se aaina dikhaya hai aapane.behtarin rachna sadar badhayee aaaur amantran ke sath
तड़प से चीखती हुई प्रस्तुति ...काश सबके कानों तक पहुँच पाती ! बहुत सुन्दर सशक्त रचना !!!
जवाब देंहटाएंapki sashakt rachana ne man ko jhakjhor diya....blog visit karne ke liye shukriya
जवाब देंहटाएंबढ़िया अभिव्यक्ति.सशक्त रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लेखन सर.....
जवाब देंहटाएंसशक्त प्रस्तुति.....
सादर.
नवीन जी हकीकत बयां करती आपकी रचना...
जवाब देंहटाएंसत्य-वचन सबको खलता है,
जवाब देंहटाएंमुश्किल है सच को सुन पाना।
पर सच तो यही है कि जिसको
जहाँ और जितना मिलता है,
कोई पीछे नहीं रहना चाहता।
मानव मन की दुर्बलता ही यही है।
आनन्द विश्वास
aapne cricket pe bahut acha likha hai,, ye to humara pride hai..
जवाब देंहटाएंaapne criket banaam desh aur shahid par kitna kuch likha ..pura sundar aur saarthak desh bhaqti kaa paath hai ye...aabhaar is sundar soch ke liye...
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा लिखा है......पोस्ट करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग पर...अच्छा लगा " सवाई सिंह "
आप सभी सम्माननीय दोस्तों एवं दोस्तों के सभी दोस्तों से निवेदन है कि एक ब्लॉग सबका
जवाब देंहटाएं( सामूहिक ब्लॉग) से खुद भी जुड़ें और अपने मित्रों को भी जोड़ें... शुक्रिया
बहुत बढ़िया भाव अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसशक्त रचना ||
जवाब देंहटाएंBAHUT SATEEK CHOT KI HAI AAPNE .SARTHAK POST .AABHAR
जवाब देंहटाएं.HOCKEY KA JUNOON
बड़ा ही करारा व्यंग्य और बड़ी ही सशक्त रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन सशक्त रचना,......
जवाब देंहटाएंMY RESENT POST... फुहार....: रिश्वत लिए वगैर....
MY RESENT POST ...काव्यान्जलि ...: तब मधुशाला हम जाते है,...
बहुत अच्छी प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंआयुध निर्माणी दिवस 18 मार्च की शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना,बेहतरीन भाव अभिव्यक्ति, इस रचना के लिए आभार " सवाई सिंह "
जवाब देंहटाएं