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हर एक शख़्स को उलझन है क्या किया जाए ।
बहुत उदास ये गुलशन है क्या किया जाए ।। 1
जो पैरहन है नया वो अमीर ही लेगा ।
मेरे नसीब में उतरन है क्या किया जाए ।।2
दिल और जाँ को बचाओ ज़रा सँभल के चलो ।
यहाँ तो हुस्न ही रहज़न है क्या किया जाए ।।3
हवा का रुख़ ये बताता है अब्र बरसेगा ।
बदन में मौसमी सिहरन है क्या किया जाए ।।4
यूँ देखकर ही तसल्ली मिलेगी दुनिया को ।
क़मर के दरमियाँ चिलमन है क्या किया जाए।।5
लगाए रक्खा है दरबान शह्र में देखो ।
ज़माना इश्क़ का दुश्मन है क्या किया जाए ।। 6
शज़र जो तूफाँ के रहमो करम पे जिंदा है ।
परिंदे का वहीं मस्कन है क्या किया जाए ।। 7
--नवीन
शब्द अर्थ
पैरहन - वस्त्र
रहज़न - लुटेरा
क़मर - चाँद
दरमियाँ - बीच या मध्य
शज़र - पेड़
मस्कन - घर या घोंसला
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